सावर्णि मुनि की पुत्री तुलसी अपूर्व सुंदरी थी। उनकी इच्छा थी कि उनका विवाह भगवान नारायण के साथ हो। इसके लिए उन्होंने नारायण पर्वत की घाटी में स्थित बदरीवन में घोर तपस्या की। दीर्घ काल तक तपस्या के उपरांत ब्रह्मा…
प्रत्येक माह की कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती है। मान्यता हैं की फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मध्य रात्रि में भगवान शिव “लिंग” के रूप में प्रकट हुए थे और शिवलिंग की पहली बार पूजा अर्चना भगवान विष्णु और ब्रह्माजी द्वारा सम्पन्न हुई…
भगवान शिव को समर्पित ग्रंथ शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव ने दैत्य गुरु शुक्राचार्य को निगल लिया था। पर उन्होंने ऐसा क्यों किया इसके पिछे एक रोचक कथा है। आइये जानते है शुक्राचार्य भृगु महर्षि के पुत्र थे। देवताओं के…
आज शनिवार है। आज का दिन शनिदेव को समर्पित है। इन्हें कर्म फलदाता कहा गया है। क्योंकि शनिदेव लोगों को उनके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्यक्ति के हर फल का हिसाब शनिदेव के…
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव न्याय के देवता और कर्मफल दाता हैं. जो जैसा कर्म करता है, उसे वे वैसा ही फल देते हैं. वे सबके साथ न्याय करते हैं, इसलिए न्याय के देवता हैं. लेकिन जब ये राहु के साथ…
सतयुग काल में धरती पर भगवान राम के होने की बात कही जाती है। इस पूरे घटनाक्रम का विवरण हिंदू ग्रंथ रामायण में देखने को मिलता है। इसमें रामायण से जुड़े कई ऐसे रहस्यों के बारे में बताया गया है,…
स्कंद पुराण के रेवाखंड में भगवान श्री सत्यनारायण की कथा का उल्लेख किया गया है। यह कथा सभी प्रकार के मनोरथ पूर्ण करने वाली, अनेक दृष्टि से अपनी उपयोगिता सिद्ध करती है। यह कथा समाज के सभी वर्गों को सत्यव्रत…
लोग माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कई प्रकार के उपाय करते हैं. जिन पर माता लक्ष्मी की कृपा हो जाती है, वह धन धान्य से परिपूर्ण हो जाता है. हर कोई उनका आशीर्वाद प्राप्त कर लेना चाहता है. कोई…
सत्यनारायण की कथा आमतौर पर सुबह और शाम दोनों समय की जाती है। लेकिन शाम के समय कथा करना काफी शुभ माना जाता है। क्योंकि कई बार पंचांग के अनुसार तिथि सुबह ही समाप्त हो जाती है। ऐसे में नए मास…
वैष्णो देवी का विश्व प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में कटरा नगर के समीप की पहाड़ियों पर स्थित है। इन पहाड़ियों को त्रिकुटा पहाड़ी कहते हैं। यहीं पर लगभग 5,200 फीट की ऊंचाई…
श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम कामिका एकादशी है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से हर बिगड़े काम बनते हैं। व्रत करने से उपासकों के साथ-साथ उनके पित्रों के कष्ट भी दूर…
गोला गोकर्णनाथ। छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध गोला गोकर्णनाथ के पौराणिक शिव मंदिर के महात्म्य और प्रसंग पुराणों और लोक कथाओं में मिलते हैं। यह पूरे तराई क्षेत्र का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। यह मंदिर प्रदेश की…