स्वयंभुव मनु और शतरुपा के दो पुत्र थे-प्रियवत और उत्तानपाद। उत्तानपाद की सुनीति और सुरुचि नामक दो पत्नियां थीं। राजा उत्तानपाद को सुनीति से ध्रुव और सुरुचि से उत्तम नामक दो पुत्र उत्पन्न हुए। यद्पि सुनीति बड़ी रानी थी परन्तु…
अक्षत का अर्थ है बिना टूटे चावल। क्योंकि अक्षत शिवलिंग स्वरूप होते हैं और गेहूं का आकार योनि की तरह होता है, जिसे नवरात्रों में माँ की पूजा के पहले गेहूं के जवाव बोए जाते हैं। अक्षत शिवलिंग स्वरूप होने…
धनतेरस को साल के सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. कई लोग इस दिन आभूषण और घर का सामान खरीदते हैं तो कुछ जरूरत का सामान. मान्यता है कि इससे सुख-समृद्धि आती है. आप सोच रहे हैं…
आप सभी को बता दें कि हिंदू धर्म में पूजा पाठ का विशेष महत्व होता हैं, इसी के साथ धार्मिक कथाओं की माने तो प्रभु श्री राम को श्री हरि विष्णु भगवान का सातवां अवतार कहा गया है. कहते हैं…
मेष पॉजिटिव- आज दिन की शुरुआत अच्छी होगी। समान विचारधारा के लोगों से मेल मिलाप नई ऊर्जा प्रदान करेगा। लक्ष्य प्राप्ति में किसी निकट संबंधी का भी सहयोग प्राप्त होगा। ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में विद्यार्थियों की रुचि बनी रहेगी।नेगेटिव- समय के…
आज आश्विन शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि और मंगलवार का दिन है। सप्तमी तिथि आज रात 9 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। आज नवरात्र के सप्तमी तिथि में माता दुर्गा के सातवीं शक्ति मां कालरात्रि की पूजा की जायेगी। आज…
विजय दशमी पूजा मुहूर्त विजय मुहूर्त: 15 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 38 मिनट से लेकर 2 बजकर 24 मिनट तकरहेगा। इस बीच आप कोई भी कार्य करके अपनी जीत सुनिश्चित कर सकते हैं। अश्विन मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि शुरू…
शारदीय नवरात्र के पंचमी तिथि को मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की जाएगी। दरअसल,अश्विनी शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि आज देर रात 2 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। दोपहर 3 बजकर 4 मिनट तक आयुष्मान योग रहेगा।…
Navratri Ghat Sthapana 2021: नवरात्रि में घट स्थापना या कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के प्रथम दिन ही कलश स्थापना या घट स्थापना की जाती है. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. साल भर में…
“श्री कृष्ण” ने कंस को उनके जन्म के 14 वर्ष बाद मारा और फिर वासुदेव जी – देवकी जी को कारागार से मुक्त करवा दिया। देवकी जी ने श्री कृष्ण से पूछा, “बेटा, तुम जन्म से जानते थे कि तुम…
अपार धन प्राप्ति और धन संचय के लिए कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से चमत्कारिक रूप से लाभ प्राप्त होता है। कनकधारा स्तोत्र का पाठ सभी प्रकार के सुख सौभाग्य प्रदान करता है। कनकधारा स्तोत्रम् अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं…
ॐ नमो भगवते महापाशुपतायातुलबलवीर्यपराक्रमाय त्रिपन्चनयनाय नानारुपाय नानाप्रहरणोद्यताय सर्वांगडरक्ताय भिन्नांजनचयप्रख्याय श्मशान वेतालप्रियाय सर्वविघ्ननिकृन्तन रताय सर्वसिद्धिप्रदाय भक्तानुकम्पिने असंख्यवक्त्रभुजपादाय तस्मिन् सिद्धाय वेतालवित्रासिने शाकिनीक्षोभ जनकाय व्याधिनिग्रहकारिणे पापभन्जनाय सूर्यसोमाग्नित्राय विष्णु कवचाय खडगवज्रहस्ताय यमदण्डवरुणपाशाय रूद्रशूलाय ज्वलज्जिह्राय सर्वरोगविद्रावणाय ग्रहनिग्रहकारिणे दुष्टनागक्षय कारिणे। ॐ कृष्णपिंग्डलाय फट। हूंकारास्त्राय फट। वज्र…