यह तब की बात है जब सीताजी को रावण, श्रीराम तथा लक्ष्मण की अनुपस्थिति मंं हरण कर ले गया था। जब तक दोनों वापस लौटे सीताजी कुटिया में नहीं थीं, यह देख श्रीराम व्याकुल हो उठे। वे समझ नहीं पा…
छत्तीसगढ़ की राजधानी से करीब 30 किलोमीटर दूर रायपुर-कोलकाता हाईवे पर एक कस्बा है- आरंग। कहा जाता है कि यह कभी राजा मोरध्वज की राजधानी थी और इसकी पहचान एक समृद्ध नगर के रूप में थी। मोरध्वज की कहानी पुराणों…
बिहार की राजधानी पटना से करीब 104 किलोमीटर की दूरी पर बसा है गया जिला। धार्मिक दृष्टि से गया न सिर्फ हिन्दूओं के लिए बल्कि बौद्ध धर्म मानने वालों के लिए भी आदरणीय है। बौद्ध धर्म के अनुयायी इसे महात्मा…
श्री गणेश चतुर्थी व्रत कथा श्री गणेश चतुर्थी व्रत को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलन में है. कथा के अनुसार एक बार भगवान शंकर और माता पार्वती नर्मदा नदी के निकट बैठे थें. वहां देवी पार्वती ने भगवान भोलेनाथ से…
हरतालिका तीज के अगले दिन गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का व्रत रखा जाता है. इस दिन प्रथमपूज्य श्री गणेश जी का जन्म दिवस मनाया जाता है. भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि को गणेश जी का जन्म हुआ था. इस वर्ष गणेश चतुर्थी 31 अगस्त…
हरतालिका तीज व्रत हर साल भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि को रखा जाता है. इस दिन सुहागन महिलाएं और विवाह योग्य युवतियां निर्जला व्रत रखती हैं और कठोर नियमों का पालन करती हैं. सुहागन महिलाएं सुखी दांपत्य जीवन और पति के दीर्घायु के…
आज हम आपको एक पौराणिक कथा बता रहे है जिसका वर्णन महाभारत के आदि पर्व में मिलता है। यह कथा बताती है की इस धरती पर गरुड़ और नागों की उत्पत्ति कैसे हुई, क्यों गरुड़ नाग के दुशमन हुए, क्यों…
एक बार भगवान विष्णु वैकुण्ठ लोक में लक्ष्मी जी के साथ विराजमान थे। उसी समय उच्चेः श्रवा नामक अश्व पर सवार होकर रेवंत का आगमन हुआ। उच्चेः श्रवा अश्व सभी लक्षणों से युक्त, देखने में अत्यंत सुन्दर था। उसकी सुंदरता की…
संसार में सबसे प्राचीन ग्रन्थ हमारे वेद हैं ये चार हैं- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद। प्रत्येक वेदों को दो भागों में बंटा है। जिन्हें मन्त्र तथा ब्राह्मण कहा जाता है। जिन ग्रन्थों में मन्त्रों का संग्रह है वे सहिंता…
महाभारत के अनुसार, भरतवंश में राजा कुरु ने जिस भूमि को बार-बार जोता, वह स्थान कुरुक्षेत्र कहलाया। राजा कुरु को देवराज इंद्र ने वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति इस स्थान पर युद्ध करते हुए मरेगा, उसे स्वर्ग की…
भगवान श्रीगणेश की कथाओं का वर्णन अनेक ग्रंथों में मिलता है। श्रीगणेश ने कई लीलाएं ऐसी की हैं, जो कृष्ण की लीलाओं से मिलती-जुलती हैं। इन लीलाओं का वर्णन मुद्गलपुराण, गणेशपुराण, शिवपुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण में मिलता है। आज हम…
महाभारत युद्ध निश्चित समझकर कौरव और पांडव, दोनों पक्ष ने देश-देशांतर के नरेशों के पास सहायता के लिए अपने दूत भेजे। मद्रराज शल्य को भी समाचार मिला।वे अपने महारथी पुत्रों के साथ एक अक्षौहिणी सेना लेकर पांडवों पास चले। शल्य…