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- Create Date October 10, 2023
- Last Updated October 10, 2023
श्रीगौरीगीरिषकल्याणस्तोत्रम् (Shri Gauri Girish Kalyana Stavarah) एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव और पार्वती के विवाह का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक विवाह के एक अलग पहलू का वर्णन करता है।
श्रीगौरीगीरिषकल्याणस्तोत्रम् का पहला श्लोक इस प्रकार है:
श्रीगौरीगीरिषकल्याणस्तोत्रं श्रृणु देवि। यत्पठनात्सर्वकामानां सिद्धिर्भवति निश्चयम्।
इस श्लोक में, भक्त देवी पार्वती से श्रीगौरीगीरिषकल्याणस्तोत्रम् सुनने का अनुरोध करते हैं, और कहते हैं कि इस स्तोत्र के पाठ से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
श्रीगौरीगीरिषकल्याणस्तोत्रम् के 10 श्लोकों का अर्थ है:
- हे देवि, श्रीगौरीगीरिषकल्याणस्तोत्रम् सुनिए। इस स्तोत्र के पाठ से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह की कहानी सुनिए। यह कहानी सभी के लिए शुभ और मंगलकारी है।
- ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह की व्यवस्था की।
- सभी देवताओं और देवियों ने भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह में भाग लिया।
- भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह में भव्य उत्सव आयोजित किया गया।
- भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह के बाद, सभी देवताओं और देवियों ने उन्हें आशीर्वाद दिया।
- भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह से, कार्तिकेय और गणेश का जन्म हुआ।
- भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह को सभी देवताओं और देवियों द्वारा पूजनीय माना जाता है।
- भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह की कहानी सुनने से सभी पापों का नाश होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह की कहानी का पाठ करने वाले भक्त को सभी देवताओं और देवियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
श्रीगौरीगीरिषकल्याणस्तोत्रम् एक शक्तिशाली भक्ति भजन है जो भक्तों के दिलों में भगवान शिव और पार्वती के लिए प्रेम और भक्ति को जगा सकता है। यह भजन भगवान शिव और पार्वती के विवाह की कहानी को भी बताता है, जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण कहानी है।
श्रीगौरीगीरिषकल्याणस्तोत्रम् के 10 श्लोकों का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है:
- हे देवि, श्रीगौरीगीरिषकल्याणस्तोत्रम् सुनिए। इस स्तोत्र के पाठ से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह की कहानी सुनिए। यह कहानी सभी के लिए शुभ और मंगलकारी है।
- ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह की व्यवस्था की।
- सभी देवताओं और देवियों ने भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह में भाग लिया।
- भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह में भव्य उत्सव आयोजित किया गया।
- भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह के बाद, सभी देवताओं और देवियों ने उन्हें आशीर्वाद दिया।
- भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह से, कार्तिकेय और गणेश का जन्म हुआ।
- भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह को सभी देवताओं और देवियों द्वारा पूजनीय माना
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