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- Create Date October 3, 2023
- Last Updated October 3, 2023
Bhavishya Puran भविष्य पुराण
भविष्य पुराण हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक है। यह पुराण सूर्य देव के द्वारा महर्षि वशिष्ठ को सुनाया गया था। भविष्य पुराण में कलियुग के बारे में भविष्यवाणियां, वेताल-विक्रम संवाद, और विभिन्न विषयों का वर्णन है।
भविष्य पुराण में कुल 14,500 श्लोक हैं, जो 4 पर्वों में विभाजित हैं। इस पुराण का मुख्य विषय कलियुग के बारे में भविष्यवाणियां करना है। इसमें वेताल-विक्रम संवाद भी शामिल है, जो एक लोकप्रिय कथा है। भविष्य पुराण में विभिन्न विषयों का भी वर्णन है, जैसे कि धर्म, दर्शन, ज्योतिष, और आयुर्वेद।
भविष्य पुराण एक महत्वपूर्ण पुराण है। यह पुराण हिंदू धर्म के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है। यह पुराण हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
भविष्य पुराण के कुछ महत्वपूर्ण विषय निम्नलिखित हैं:
- कलियुग के बारे में भविष्यवाणियां
- वेताल-विक्रम संवाद
- धर्म, दर्शन, ज्योतिष, और आयुर्वेद का वर्णन
भविष्य पुराण का महत्व निम्नलिखित है:
- यह पुराण कलियुग के बारे में भविष्यवाणियां करता है।
- यह पुराण हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
- यह पुराण हिंदू धर्म के अनुयायियों को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करता है।
- यह पुराण हिंदू धर्म के अनुयायियों को जीवन जीने के सही मार्गदर्शन प्रदान करता है।
भविष्य पुराण एक ऐसा ग्रंथ है जिसे हर किसी को पढ़ना चाहिए। यह ग्रंथ जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है और जीवन जीने का सही मार्गदर्शन प्रदान करता है।
भविष्य पुराण के कुछ महत्वपूर्ण विषयों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है:
- कलियुग के बारे में भविष्यवाणियां: भविष्य पुराण में कलियुग के बारे में कई भविष्यवाणियां की गई हैं। इन भविष्यवाणियों में कहा गया है कि कलियुग में पाप बढ़ेगा, धर्म कम होगा, और लोग दुखी होंगे।
- वेताल-विक्रम संवाद: वेताल-विक्रम संवाद एक लोकप्रिय कथा है जो भविष्य पुराण में वर्णित है। इस कथा में, एक मृत व्यक्ति, जिसे वेताल कहा जाता है, विक्रमादित्य नाम के एक राजा को एक पेड़ से लटककर परेशान करता है। विक्रमादित्य वेताल से सवाल पूछते हैं और वेताल उन्हें उत्तर देता है।
- धर्म, दर्शन, ज्योतिष, और आयुर्वेद का वर्णन: भविष्य पुराण में धर्म, दर्शन, ज्योतिष, और आयुर्वेद का भी वर्णन किया गया है। इस पुराण में इन विषयों पर विभिन्न सिद्धांतों और व्याख्याओं का उल्लेख किया गया है।
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