पांचवें दिन होती है स्कंदमाता की पूजा, जानिए कथा, आरती, मंत्र और सभी संबंधित जानकारी

नवरात्रि में पांचवें दिन इस देवी की पूजा-अर्चना की जाती है। कहते हैं कि इनकी कृपा से मूढ़ भी ज्ञानी हो जाता है। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से अभिहित किया गया है। इनके विग्रह में भगवान स्कंद…

देवी चंद्रघंटा की साधना से मिलता है यह लाभ, जगाएं अपने अंदर माता की शक्तियों को

माता का तीसरा स्वरूपनवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन मां चंद्रघंटा को दूध का भोग चढ़ाएं और उसे जरूरतमंद को दान कर देना चाहिए। ऐसा करने से धन-वैभव और ऐशवर्य…

नवरात्र का चौथा दिनः इसलिए कुम्हड़े की बलि से प्रसन्न होती है मां कूष्मांडा

आज शारदीय नवरात्र का चौथा दिन है। इस दिन दुर्गा के नौ रुपों में से चतुर्थ रुप देवी कूष्मांडा की पूजा होती है। देवी कुष्मांडा को देवी भागवत् पुराण में आदिशक्ति के रुप में बताया गया है। इनका निवास सूर्य…

द्वितीय नवरात्रि : माँ ब्रह्मचारिणी की पूजन विधि और पौराणिक कथा ?

नवरात्रि के द्वितीय दिवस माँ के ब्रह्मचारिणी स्वरुप की अर्चना की जाती है। माँ बह्मचारिणी माँ दुर्गा का अत्यंत शांत एवं तपस्वी स्वरुप है, माता के इस स्वरुप की आराधना से भक्तों का जीवन सफल हो जाता है। ब्रह्मचारिणी दो…

नवरात्रि के दूसरे दिन पढ़े मां ब्रह्मचारिणी की पौराणिक कथा

आज शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा का दिन होता है। बता दें कि ब्रह्म का अर्थ तपस्या से है। मां का ये रूप अपने भक्तों और सिद्धों को अनंत फल देने वाला है।…

तपस्या का फल

तपस्या का फल भगवान शंकर को पति के रूप में पाने हेतु माता-पार्वती कठोर तपस्या कर रही थी। उनकी तपस्या पूर्णता की ओर थी। एक समय वह भगवान के चिंतन में ध्यान मग्न बैठी थी। उसी समय उन्हें एक बालक…

आखिर कहां-कहां जाता है व्यक्ति का पाप, पढ़ें यह पौराणिक कथा

आज की पौराणिक कथा का सार है कि आखिर पाप कहां-कहां जाता है। इसी संदर्भ में एक बार एक ऋषि ने सोचा की लोग पाप धोने के लिए सभी लोग गंगा जाते हैं। ऐसे में सारे पार गंगा में ही…

राम नाम की महिमा

कबीर पुत्र कमाल की एक कथा हैं। एक बार राम नाम के प्रभाव से कमाल द्वारा एक कोढ़ी का कोढ़ दूर हो गया। कमाल समझने लगे कि रामनाम की महिमा मैं जान गया हूँ। कमाल के इस कार्य से किंतु कबीर…

भीम क्यों जला देना चाहते थे युधिष्ठिर के दोनों हाथ?

भीम और युधिष्ठिर | महाभारत के प्रमुख पात्र भीम, अर्जुन, नकुल व सहदेव अपने बड़े भाई युधिष्ठिर का बहुत आदर करते थे। युधिष्ठिर जो आज्ञा देते, उनके भाई उसे किसी भी तरह पूरी करते थे। महाभारत में सभा पर्व में एक…

 निर्जला एकादशी व्रत कथा | व्रत विधि | महत्व

 हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष में चौबीस एकादशियां होती हैं। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी या भीमसेनी एकादशी कहते हैं। इस व्रत में भोजन करना और पानी पीना…

आखिर जनक ने सीता स्वयंवर में अयोध्या नरेश दशरथ को आमंत्रण क्यों नहीं भेजा

 राजा जनक के शासनकाल में एक व्यक्ति का विवाह हुआ। जब वह पहली बार सज-सँवरकर ससुराल के लिए चला, तो रास्ते में चलते-चलते एक जगह उसको दलदल मिला, जिसमें एक गाय फँसी हुई थी, जो लगभग मरने के कगार पर…

महाभारत से जुड़े कुछ रोचक किस्से

महाभारत युद्ध में भीम ने दुर्योधन के छोटे भाई दु:शासन का वध किया था। इसके बाद भीम ने छाती फाड़कर उसका खून भी पीया था। ये बात तो सभी जानते हैं, लेकिन इस घटना से जुड़ी कुछ बातें ऐसी भी…