राजा उपरिचर एक महान प्रतापी राजा था| वह बड़ा धर्मात्मा और बड़ा सत्यव्रती था | उसने अपने तप से देवराज इंद्र को प्रसन्न करके एक विमान और न सूखने वाली सुंदर माला प्राप्त की थी | वह माला धारण करके,…
नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा का विधान है. नवरात्रि में सप्तमी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा का विधान है.. मां…
इस दिन मां दुर्गा के छठें स्वरूप देवी कात्यायनी की पूजा करने का विधान है। कहा जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों को आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मां कात्यायनी…
स्कंदमाता की पूजा में पीले फूल अर्पित करें और पीली चीजों का भोग लगाएं। संतान संबंधी कष्टों को दूर करने के लिए इस दिन बच्चों को फल-मिठाई बांटना भी बहुत अच्छा माना गया है। पौराणिक मान्यता है कि इनकी पूजा…
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। हिन्दू मान्यतानुसार महाभारत काल में इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। तभी से यह परंपरा कायम है। यहां…
नवरात्रि में रोज की भांति सबसे पहले कलश की पूजा कर माता कूष्मांडा को नमन करें। हो सके तो मां कूष्मांडा की पूजा में बैठने के लिए हरे या संतरी रंग के कपड़े पहनें। नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा…
मां चंद्रघंटा का स्वरूप सौम्यता एवं शांति से भरा-पूरा है, मां चंद्रघंटा और इनकी सवारी शेर दोनों का शरीर सदैव ही सोने की तरह चमकता है चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा मां के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती…
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने तक पाताल में शयन करते हैं। ये चार महीने चातुर्मास कहलाते हैं। चातुर्मास को भगवान की भक्ति…
हिन्दू मान्यतानुसार पूर्णिमा तिथि चन्द्रमा को सबसे प्रिय होती है। पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपने पूरे आकार में होता है। पूर्णिमा के दिन पूजा-पाठ करना और दान देना बेहद शुभ माना जाता है। बैशाख, कार्तिक और माघ की पूर्णिमा को…
आज शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन है और इस दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्माचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां ब्रह्माचारिणी के नाम में ही उनकी शक्तियों की महिमा का वर्णन मिलता है। ब्रह्म का अर्थ होता है…
मां शैलपुत्री पूजा विधिऐसे में पहले कलश स्थापना करें और पूजा का संकल्प लें। फिर मां शैलपुत्री को धूप, दीप दिखाकर अक्षत, सफेद फूल, सिंदूर, फल चढ़ाएं। मां के मंत्र का उच्चारण करें और कथा पढ़ें। भोग में आप जो भी दूध, घी से बनी चीजें…
ब्राह्मणी के वचन सुन मां दुर्गा ने कहा- हे ब्राह्मणी! मैं तुम्हें संपूर्ण पापों को दूर करने वाले नवरात्र व्रत की विधि बतलाती हूं- चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नौ दिन तक व्रत करें यदि दिन…