महाभारत प्रसंग- जब एक स्त्री के देखने मात्र से काले हो गए थे युधिष्ठिर के पैरों के नाखून

शास्त्रों में महाभारत को पांचवां वेद कहा गया है। महाभारत की कथा जितनी बड़ी है, उतनी ही रोचक भी है। इसके रचयिता महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास हैं। इस ग्रंथ में कुल एक लाख श्लोक हैं, इसलिए इसे शतसाहस्त्री संहिता भी कहते…

जब सुदर्शन चक्र के भय से भागे दुर्वासा

अम्बरीष (Ambarish) बड़े धर्मात्मा राजा थे। उनके राज्य में बड़ी सुख शांति थी। धन, वैभव,राज्य, सुख, अधिकार, लोभ, लालच से दूर निश्चिन्त होकर वह अपना अधिकतर समय ईश्वर भक्ति में लगाते थे। अपनी सारी सम्पदा, राज्य आदि सब कुछ वे…

रहस्यमई “चूडामणि” का अदभुत रहस्य “

आज हम अपने पाठकों को रामायण में वर्णित चूडामणि की कहानी (Story of Chudamani) बता रहे है। इस कहानी में आप जानेंगे की- १–कहाँ से आई चूडा मणि ? २–किसने दी सीता जी को चूडामणि ? ३–क्यों दिया लंका में…

तुलसी और विष्णु की कहानी

 सावर्णि मुनि की पुत्री तुलसी अपूर्व सुंदरी थी। उनकी इच्छा थी कि उनका विवाह भगवान नारायण के साथ हो। इसके लिए उन्होंने नारायण पर्वत की घाटी में स्थित बदरीवन में घोर तपस्या की। दीर्घ काल तक तपस्या के उपरांत ब्रह्मा…

गजेन्द्र मोक्ष की कहानी 

अति प्राचीन काल की बात है। द्रविड़ देश में एक पाण्ड्यवंशी राजा राज्य करते थे। उनका नाम था इंद्रद्युम्न। वे भगवान की आराधना में ही अपना अधिक समय व्यतीत करते थे। यद्यपि उनके राज्य में सर्वत्र सुख-शांति थी। प्रजा प्रत्येक…

वराह अवतार कथा – जब हिरण्याक्ष का वध करने के लिए विष्णु बने वराह

एक बार ब्रह्मा जी के मानस पुत्र सनत-सनकादि भगवान विष्णु के दर्शन करने वैकुंठ धाम पहुंचे। वैकुंठ में विष्णु धाम के द्वार पर भगवान के दो पार्षद जय-विजय द्वारपाल के रूप में बैठे थे। इन दिगम्बर साधुओं को देखकर पहले…

कोकिलावन – यहाँ कोयल दर्शन दिए थे, श्री कृष्ण ने शनिदेव को

 दिल्ली से 128 किमी की दूरी पर तथा मथुरा से 60 किमी की दूरी पर स्थित कोसी कला स्थान पर सूर्यपुत्र भगवान शनिदेव जी का एक अति प्राचीन मंदिर स्थापित है। इसके आसपास ही नंदगांव, बरसाना एवं श्री बांके बिहारी…

असावरी देवी – यह है भगवान शिव कि बहन, जानिए कैसे और क्यों हुई उत्पन्न?

पौराणिक कथा के अनुसार जब देवी पार्वती ने भगवान शिव से विवाह किया तो वह खुद को घर में अकेली महसूस करती थीं। उनकी इच्छा थी कि काश उनकी भी एक ननद होती जिससे उनका मन लगा रहता। लेकिन भगवान…

क्यों होता है 12 साल में एक बार कुंभ मेले का आयोजन?

कुम्भ मेले का आयोजन चार स्थानों हरिद्वार, प्रयाग, नासिक तथा उज्जैन में होता है।  हर जगह कुम्भ मेले का आयोजन  12 साल में एक बार होता है। आइए जानते है क्या है इसका कारण-कुम्भ मेले के 12 वर्ष में एक…

महाभारत युद्ध में पांण्डवों को जिताने के लिए श्री कृष्ण ने किये ये छल

महाभारत में भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण को बहुत ही चतुर और सभी कलाओं का जानकार बताया गया है। श्रीकृष्ण ने कई बार चतुराई का उपयोग करते हुए ऐसे काम किए, जिन्हें छल माना जाता है। यहां जानिए 5 ऐसे प्रसंग…

श्री राम और कंबंध राक्षस का प्रसंग

यह तब की बात है जब सीताजी को रावण, श्रीराम तथा लक्ष्मण की अनुपस्थिति मंं हरण कर ले गया था। जब तक दोनों वापस लौटे सीताजी कुटिया में नहीं थीं, यह देख श्रीराम व्याकुल हो उठे। वे समझ नहीं पा…

आरंग- यहाँ कृष्ण ने ली थी राज मोरध्वज की परीक्षा, मांगा था उसके बेटे का मांस

छत्तीसगढ़ की राजधानी से करीब 30 किलोमीटर दूर रायपुर-कोलकाता हाईवे पर एक कस्बा है- आरंग। कहा जाता है कि यह कभी राजा मोरध्वज की राजधानी थी और इसकी पहचान एक समृद्ध नगर के रूप में थी। मोरध्वज की कहानी पुराणों…