भगवान श्री कृष्ण द्वारा मारे गये धेनुकासुर के पूर्व जन्म की कथा

एक समय की बात है। राजा बलि का पुत्र साहसिक देवताओं को परास्त कर गन्धमादन की ओर प्रस्थित हुआ। उसके साथ बहुत बड़ी सेना थी। इसी समय स्वर्ग की अप्सरा तिलोत्तमा उधर से निकली। उसने साहसिक को देखा और साहसिक…

द्रोपदी जन्म कथा, आखिर कैसे मिले ! द्रोपदी को पांच पति ?

प्राचीन काल की बात है। नैमिषारण्य क्षेत्र में देवताओं का एक महान यज्ञ चल रहा था। यमराज ने यज्ञ में दीक्षा ले ली थी, इसलिए वे यज्ञीय पशुओं के अतिरिक्त और किसी का वध नहीं करते थे। इससे मर्त्य-लोक के…

मरते वक़्त बालि ने, अंगद से कही थी ये तीन ज्ञान की बातें। आप भी जानिए  

रामायण में जब श्रीराम ने बालि को बाण मारा तो वह घायल होकर पृथ्वी पर गिर पड़ा था। इस अवस्था में जब पुत्र अंगद उसके पास आया तब बालि ने उसे ज्ञान की कुछ बातें बताई थीं। ये बातें आज…

पौराणिक रहस्य – सुदामा को गरीबी क्यों मिली?

सुदामा को गरीबी क्यों मिली?- अगर अध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखा जाये तो सुदामा जी बहुत धनवान थे। जितना धन उनके पास था किसी के पास नही था । लेकिन अगर भौतिक दृष्टि से देखा जाये तो सुदामाजी बहुत निर्धन थे…

क्या आप जानते हैं ? 68 करोड तीर्थ देवताओं का रूप धारण करके अयोध्या धाम का दर्शन करने तथा सरयू स्नान करने प्रतिदिन आते हैं।

श्री राम जी ने स्वयं कहा है: अवधपुरी सम प्रिय नहि सोऊ।यह प्रसंग जानइ कोउ कोऊ ।। एक बार लक्ष्मण जी ने तीर्थ यात्रा जाने के लिए श्री राम जी से प्रार्थना करने लगे । श्री राम जी ने यात्रा…

कैसे प्राप्त हुई हनुमानजी को अपार शक्तियां, जिससे बने वो परम शक्तिशाली

वाल्मीकि रामायण के अनुसार, बाल्यकाल में जब हनुमान सूर्यदेव को फल समझकर खाने को दौड़े तो घबराकर देवराज इंद्र ने हनुमानजी पर वज्र का वार किया। वज्र के प्रहार से हनुमान निश्तेज हो गए। यह देखकर वायुदेव बहुत क्रोधित हुए…

आखिर ! महर्षि वाल्मीकि जी को कवित्व शक्ति कैसे मिली । कैसे हुए “आदिकवि”

एक समय की बात है, ब्रह्मा जी ने सरस्वती से कहा तुम किसी योग्य पुरुष के मुख्य में कवित्व शक्ति होकर निवास करो । ब्रह्मा जी की आज्ञा मानकर सरस्वती योग्य पात्र की खोज में बाहर निकलीं । उन्होंने ऊपर…

 पितृपक्ष में देवी देवता की पूजा करनी चाहिए की नहीं, जानिए नियम

पितृपक्ष में देवी देवता की पूजा करनी चाहिए की नहीं, जानिए नियम

आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन पितृपक्ष की शुरुआता होती है, जो कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को समाप्त होती है. इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनका तर्पण और पिंडदान किया जाता…

विभीषण से कर लेने घटोत्कच गया था लंका, जानिए भीम पुत्र घटोत्कच से जुडी रोचक जानकारी

महाभारत में ऐसे अनेक पात्र हैं, जिनके बारे में लोग कम ही जानते हैं। ऐसा ही एक पात्र है भीम का पुत्र घटोत्कच। अधिकांश लोग ये जानते हैं कि घटोत्कच भीम व राक्षसी हिडिंबा का पुत्र था और उसकी मृत्यु…

कैसे आये भगवान राम के पग तलवे में ये चार चिन्ह :–कमल_ वज्र _अंकुश _ध्वजा

बाबा तुलसी दास जी ने रामचरित्र मानस में लिखा है।“ललित अंक कुलसादिक चारी ।।” अर्थात भगवान राम के पग तलवे में चार चिन्ह अंकित हैं। १- कमल २- वज्र ३-अंकुश ४-ध्वजा। आइए जानते है कैसे आए प्रभु श्री राम के…

महाभारत युद्ध का 18 दिनों का घटनाक्रम : जानिए किस दिन क्या हुआ था

मार्गशीर्ष शुक्ल 14 को महाभारत युद्ध प्रारम्भ हुआ था जो लगातार 18 दिनों तक चला था। यहां जानिए महाभारत युद्ध के 18 दिनों में किस दिन क्या हुआ था… पहला दिनयुद्ध के पहले दिन पांडव पक्ष को भारी हानि हुई…

अदभुत रहस्य :- आखिर क्यों निगला सीताजी ने लक्ष्मण को

एक समय की बात है मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम रावण का वध करके भगवती सीता के साथ अवधपुरी वापस आ गए । अयोध्या को एक दुल्हन की तरह से सजाया गया और उत्सव मनाया गया ।उत्सव मनाया जा रहा था तभी…