कैसे हुई नवरात्रि मनाने की शुरुआत, पढ़ें ये पौराणिक कथाएं

नवरात्रि पर्व हिन्दू धर्म में बेहद महत्व रखता है. इस पर्व को लेकर लोग काफी उत्साहित (Excited) रहते हैं और मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना में नतमस्तक हो जाते हैं. नवरात्रि पर्व मनाये जाने की पौराणिक कथा पहली…

यूं ही नहीं हुई थी शारदीय नवरात्र की शुरुआत, जान‍िए क्‍या है पौराणिक कथा

उपासना का पर्व है। गजब का है ये शक्तिपीठ, यहां दर्शन से एक, दो नहीं सात जन्‍मों के पापों से म‍िल जाती है मुक्ति शारदीय नवरात्र पर्व की पौराण‍िक कथा शास्त्रों में नवरात्र पर्व मनाए जानेशारदीय नवरात्र मां नवदुर्गा जी…

श्री मुचुकुन्द जी की कथा

 महाराज मुचुकुन्द राजा मान्धाता के पुत्र थे। ये पृथ्वी के एक छत्र सम्राट थे। बल और पराक्रम इतना कि देवराज इन्द्र भी इनकी सहायता के इच्छुक रहते थे। एक बार असुरों ने देवताओं को परास्त कर दिया। दुखी होकर देवताओं…

वनवास काल में महाराज युधिष्ठिर को श्री कृष्ण ने दी राम नाम की दीक्षा

अब एक भूत-समन्वित भविष्य की कथा सुनिए। जब युधिष्ठुर अपनी माता और भाइयों को साथ लिए वनवास कर रहे थे, तब उन्हें देखने के लिए श्री कृष्ण जी वन में गये। वहाँ पाण्डवों ने बड़े प्रेम से श्री कृष्ण जी…

नवरात्रि में 9 दिनों की पूजा विधि और मंत्र

हिंदू धर्म में नवरात्रि के दौरान साधना और उपासना करने के सर्वश्रेष्ठ बताया गया है। ऐसी मान्यता है की सामान्य दिनों में किसी भी साधना में सिद्धि हासिल करने के लिए कम से कम 40 दिनों की आवश्यकता होती है।…

जब तुलसीदास को भगवान जगन्नाथ ने दिये राम रुप में दर्शन

तुलसीदास जी अपने इष्टदेव का दर्शन करने श्रीजगन्नाथपुरी गये। मंदिर में भक्तों की भीड़ देख कर प्रसन्न मन से अंदर प्रविष्ट हुए। जगन्नाथ जी का दर्शन करते ही निराश हो गये। विचार किया कि यह हस्तपादविहीन देव हमारा इष्ट नहीं…

श्री कृष्ण ने किए थे 8 विवाह, जानिए उनकी कहानियां

पुराणों के अनुसार श्री कृष्ण ने 8 स्त्रियों से विवाह किया था जो उनकी पटरानियां बानी थी। ये थी – रुक्मिणी, जाम्बवती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रविंदा, सत्या(नाग्नजिती), भद्रा और लक्ष्मणा। आइए जानते है श्रीकृष्ण द्वारा इन आठ के साथ किए गए…

अपने पुत्रों को ही नदी में बहाया था गंगा ने, पर क्यों?, जानिए गंगा से जुडी ऐसी ही रोचक बातें

हिन्दू धर्म में गंगा को सबसे पूजनीय नदी माना गया है। गंगा के संबंध में अनेक पुराणों में कई कथाएं पढ़ने को मिलती है। महाभारत के सबसे प्रमुख पात्र भीष्म भी गंगा के ही पुत्र थे। आज हम आपको गंगा…

वनवास के बाद सीता जी का आगमन, अश्वमेघ यज्ञ का आरम्भ तथा अश्व के पूर्व जन्म की कथा

तदनन्तर लक्ष्मण ने जाकर पुनः जानकी के चरणों में प्रणाम किया। लक्ष्मण को आया देख पुनः अपने को बुलाये जाने की बात सुनकर सीता ने कहा —- ‘लक्ष्मण ! मुझे श्री रामचंद्र जी ने त्याग दिया है अतः अब मैं…

सीता की निंदा करने वाले धोबी के पूर्व जन्म का वृत्तान्त

मिथिला नाम की नगरी में महाराज जनक राज्य करते थे। उनका नाम था सीरध्वज। एक बार वे यज्ञ के लिए पृथ्वी जोत रहे थे उस समय फाल से बनी गहरी रेखा द्वारा एक कुमारी कन्या का प्रादुर्भाव हुआ। रति से…

महाशिवरात्रि व्रत कथा

एक बार एक गाँव में एक शिकारी रहता था। पशुओं की हत्या करके वह अपने कुटुम्ब को पालता था। वह एक साहूकार का ऋणी था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधवश साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में…

नाभाग की कथा

मनुपुत्र नभग का पुत्र था नाभाग। जब वह कई वर्ष ब्रह्मचर्य का पालन कर लौटा, तब बड़े भाइयों ने उसे हिस्से में केवल पिता को दिया। सम्पत्ति तो उन्होंने पहले ही आपस में बाँट ली थी। उसने अपने पिता से…