सनातन पंरपरा में द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है सनातन पंरपरा में द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है. देश के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा विश्वनाथ जो…
हमारा देश भारत, जो रहस्यों से भरा देश है। हमारे देश की सभ्यता, जितनी पुरानी है। उतने ही पुराने, हमारे देश के मंदिर भी हैं। हजारों सालों से खड़े मंदिर, कई राज अपने अंदर समेटे हुए हैं। भारत में मौजूद…
सावित्री के पतिव्रता धर्म की कथा का सार :- यह है कि एकनिष्ठ पतिपरायणा स्त्रियां अपने पति को सभी दुख और कष्टों से दूर रखने में समर्थ होती है। जिस प्रकार पतिव्रता धर्म के बल से ही सावित्री ने अपने पति…
हिंदू धर्म में सोमवार के दिन का बेहद महत्व माना जाता है. सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ (Lord Shiva) को समर्पित होता है. जो भी व्यक्ति सोमवार के दिन विधि-विधान से शिवजी का पूजन और आराधना करता है. उसके जीवन…
लक्ष्मी माता का दिन माता लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है. आज लोग माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कई प्रकार के उपाय करते हैं. जिन पर माता लक्ष्मी की कृपा हो जाती है, वह धन धान्य से परिपूर्ण…
हमारी लोक संस्कृति में दीपावली त्योहार और माता लक्ष्मी की बड़ी सौंधी सी कथा प्रचलित है। एक बार कार्तिक मास की अमावस को लक्ष्मीजी भ्रमण पर निकलीं। चारों ओर अंधकार व्याप्त था। वे रास्ता भूल गईं। उन्होंने निश्चय किया कि…
भगवान श्रीहरि विष्णु ने धर्म की रक्षा हेतु हर काल में अवतार लिया। वैसे तो भगवान विष्णु के अनेक अवतार हुए हैं लेकिन उनमें 10 अवतार ऐसे हैं, जो प्रमुख रूप से स्थान पाते हैं। यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत…
वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को श्रीराम वल्लभा देवी सीता का प्राकट्य पर्व मनाया जाता है। इसलिए इस तिथि को जानकी नवमी और सीता नवमी के नाम से जाना जाता है। वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की…
उज्जैनी में चंद्रसेन नाम का राजा राज किया करता था।वह भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था। शिवगणों में मणिभद्र नामक गण उसका मित्र था। एक बार मणिभद्र ने राजा चंद्रसेन को बहुत ही अद्भुत चिंतामणि प्रदान की। चंद्रसेन ने…
हिंदू धर्म के कुछ संप्रदाय पूरी सृष्टि और उसकी ब्रह्मांडीय गतिविधि को तीन देवताओं के प्रतीक के रूप में देखते हैं, जो हिंदू त्रिमूर्ति का गठन करते हैं: ब्रह्मा – निर्माता, विष्णु – पालनकर्ता, और शिव– संहारक पौराणिक कथाओं के अनुसार…
ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी का विवाह नहीं हुआ था और वे बाल ब्रह्मचारी थे लेकिन ऐसा नहीं है. कुछ शास्त्रों में हनुमान जी के विवाहित होने की बात कही गई है. श्रीराम भक्त हनुमान जी के देश और…
हनुमान बाल्यकाल से ही बहुत चंचल स्वभाव के थे जनता से रिश्ता वेबडेस्क।त्रेता युग में जब श्रीराम ने अयोध्या में अवतार लिया तो उनकी सेवा करने के लिए भगवान शंकर ने भी अपने अंश से वायु के द्वारा कपिराज केसरी…