महाभारत की कहानी में सिर्फ दुश्मनी नहीं है, बल्कि इसमें दोस्ती और प्यार के कई किस्से भी शामिल हैं। कर्ण और दुर्योधन की मित्रता भी महाभारत में दोस्ती की मिसाल पेश करती है। इनकी गहरी दोस्ती की कई कहानियां महाभारत…
परीक्षित के जन्म की कथा महाभारत के युद्ध के समय की है। जब द्रौपदी को इस बात की जानकारी मिली कि अश्वत्थामा ने उसके पांचों बेटों की हत्या कर दी है तो उसने अनशन करने की ठान ली। द्रौपदी ने…
रामभक्त हनुमान को कई नामों से जाना जाता है, जैसे मारुति नंदन, पवनपुत्र व संकटमोचन आदि। माना जाता है कि वह भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार थे और उनके जन्म का उल्लेख कई पौराणिक कथाओं में मिलता है। इस…
माता सीता का हरण होने के बाद, भगवान राम को लंका तक पहुंचने के लिए उनकी वानर सेना जंगल को लंका से जोड़ने के लिए समुद्र के ऊपर पुल बनाने के काम में लग जाती है। पुल बनाने के लिए…
माता सीता के जन्म को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। कोई कुछ कहानी सुनता है, तो कोई कुछ। इसलिए, साफ-साफ कहना मुश्किल है कि सीता की माता कौन थी। सीता के जन्म से जुड़ी हम ऐसी ही एक प्रचलित कहानी…
रावण के बारे में हर कोई जानता है। वह राक्षस वंश का था और उसके द्वारा की गई गलतियों के कारण हर साल दशहरे के दिन रावण दहन भी किया जाता है। वैसे क्या आपको मालूम है कि महान विद्वान…
धरती पर भगवान राम ने अपने सारे काम कर लिए थे, अब उनकी मृत्यु का वक्त सामने आ गया था। ऐसे में यमराज ने एक साधू का रूप लिया और राम के नगर पहुंच गए। वो राम के महल पहुंचे…
अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियों और उनसे होने वाले चार पुत्रों राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के बारे में सभी जानते हैं, लेकिन भगवान राम की बड़ी बहन के बारे में हर किसी को नहीं पता। वाल्मीकि रामायण…
भगवान गणेश देवी पार्वती और भगवान शिव के पुत्र हैं। एक बार की बात है, जब भगवान शिव और देवी पार्वती अपने शयन कक्ष (सोने का कमरा) में विश्राम कर रहे थे। उस समय देवी पार्वती ने गणेश जी को…
सदियों पुरानी बात है, पांचाल नामक नगर में राजा द्रुपद का राज हुआ करता था। राजा द्रुपद की एक बेटी थी, जिसका नाम द्रौपदी था। द्रौपदी बहुत ही सुंदर और सुशील कन्या थी। जब वह विवाह योग्य हो गई, तो…
यह महाभारत काल की बात है, जब भारत के एक जंगल में एकलव्य नाम का एक बालक अपने माता-पिता के साथ रहता था। वह अनुशासित बालक था और उसके माता-पिता ने उसकी परवरिश अच्छे संस्कारों के साथ की थी। एकलव्य…
यह द्वापरयुग के उन दिनों की बात है, जब पांचों पांडव और कौरव पुत्र, गुरु द्रोणाचार्य से अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। उन दिनों पांडव धनुर्विद्या का ज्ञान प्राप्त कर रहे थे। एक दिन गुरु द्रोणाचार्य ने उनकी परीक्षा…