वसुदेव, देवकी और रोहिणी के पूर्वजन्म की कथा

कश्यप मुनि और उनकी दो पत्नियों (अदिति और दिति) ने ही जल-जन्तुओं के स्वामी वरूणदेव के शापवश पृथ्वी पर वसुदेव, देवकी और रोहिणी के रूप में अवतार ग्रहण किया था।एक बार महर्षि कश्यप यज्ञकार्य के लिए वरुणदेव की गौ ले…

भगवान विष्णु ने देवकी और वसुदेव के घर क्यों लिया कृष्णावतार?

स्वायम्भुवमन्वन्तर में जब माता देवकी का पहला जन्म हुआ था, उस समय उनका नाम ‘पृश्नि’ तथा वसुदेव ‘सुतपा’ नामक प्रजापति थे। दोनों ने संतान प्राप्ति की अभिलाषा से सूखे पत्ते खाकर और कभी हवा पीकर देवताओं का बारह हजार वर्षों…

पुराणों में वर्णित शनि देव से जुड़े अदभुत रहस्य

काशी-विश्वनाथ की स्थापना करी थी शनि देव ने :-स्कन्द पुराण में काशी खण्ड में वृतांत आता है, कि छाया सुत श्री शनिदेव ने अपने पिता भगवान सूर्य देव से प्रश्न किया कि हे पिता! मै ऐसा पद प्राप्त करना चाहता हूँ,…

उर्वशी अप्सरा के पूर्व जन्म की कहानी

प्राचीन काल में कश्मीर देश में देवव्रत नामक एक द्विज थे। उनके सुन्दर रूप वाली एक कन्या थी। जो मालिनी के नाम से प्रसिद्ध थी। द्विज ने उस कन्या का विवाह सत्यशील नामक सुन्दर बुद्धि मान द्विज के साथ कर…

दीपावली की प्रतिपदा को करें:–पाँचवे वेद ” महाभारत की पूजा, फिर करें गोवर्धन पूजा

व्यास जी ने अर्जुन से कहा :—– पूर्वकाल की बात है,तीन वलवान् असुरों ने आकाश में अपने नगर बना रक्खे थे । वे नगर विमान के रूप में आकाश में विचरा करते थे । उन तीन नगरों में एक लोहे…

||अदभुत रहस्य:- जब मृत्यु की भी हुई मृत्यु ||

गोदावरी के पावन तट पे “श्वेत” नामक एक ब्राह्मण रहते थे । जो शिव जी के अनन्य भक्त थे,सदा शिव भक्ती में लीन रहते थे। उनकी आयु पूरी हो चुकी थी । यमदूत उन्हें समय से लेने आये , लेकिन…

कर्ण में सूर्य देव के साथ दम्बोद्भव असुर का भी था अंश, जानिए एक अदभुत पौराणिक रहस्य

त्रेता युग में दो कहानियों के तार कर्ण से आ कर जुड़ते हैं । एक असुर था – दम्बोद्भव (Dambodhav) । उसने सूर्यदेव की बड़ी तपस्या की । सूर्य देव जब प्रसन्न हो कर प्रकट हुए और वरदान मांगने को…

ब्रह्मा जी के कहने पर महर्षि वाल्मीकि ने लिखी रामायण, जानिए महर्षि वाल्मीकि से जुडी कुछ रोचक बातें

वाल्मीकि को प्राचीन वैदिक काल के महान ऋषियों कि श्रेणी में प्रमुख स्थान प्राप्त है। पुराणों के अनुसार, इन्होंने कठोर तपस्या कर महर्षि का पद प्राप्त किया था। परमपिता ब्रह्मा के कहने पर इन्होंने भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित…

श्रीगणेश गीता जब श्रीगणेश ने दिया राजा वरेण्य को गीता का ज्ञान

भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में गीता उपदेश दिया था, यह बात तो सब जानते हैं लेकिन विघ्न विनाशक गणपति ने भी गीता का उपदेश दिया था, ये कम लोगों को पता है। श्रीकृष्ण गीता और गणेश गीता में…

गरुड़जी के सात प्रश्न तथा काकभुशुण्डि के उत्तर

चौपाई : * पुनि सप्रेम बोलेउ खगराऊ। जौं कृपाल मोहि ऊपर भाऊ॥।नाथ मोहि निज सेवक जानी। सप्त प्रस्न मम कहहु बखानी॥1॥ भावार्थ:-पक्षीराज गरुड़जी फिर प्रेम सहित बोले- हे कृपालु! यदि मुझ पर आपका प्रेम है, तो हे नाथ! मुझे अपना…

कैसे हुआ बालि और सुग्रीव का जन्म तथा कैसे पड़ा ऋष्यमूक पर्वत का नाम

आज इस लेख में हम आपको दो पौराणिक घटनाओं के बारे में बताएंगे- बालि और सुग्रीव का जन्म कैसे हुआ? ऋष्यमूक पर्वत का नाम कैसे पड़ा? 1. ऋष्यमूक पर्वत का नाम कैसे पड़ा?- ऋष्यमूक पर्वत श्रेणियों के अन्तर्गत एक पर्वत…

महामाया परमेश्वरी के सोलह श्रंगारों का धरती पे अवतरण तथा मिथ्यादेवी का कलियुग में शासन

श्रृष्टि के प्रथम कल्प में एकबार मिथ्या देवी अपने पती अधर्म और भाई कपट के साथ मिलकर भूलोक में घर-घर अत्याचार फैला दिया। लोभ ने अपनी दोनों पत्नियों क्षुधा और पिपाशा के साथ मनुष्यों का जीना मुश्किल कर दिया। लोग…