Darsh Amavasya दर्श अमावस्या पूजन विधी आणि महत्त्व

 हिंदू धर्मात सर्वच अमावस्या महत्त्वाच्या असतात परंतू दर्श अमावस्येचं विशेष महत्त्व आहे. दर्श अमावस्येच्या दिवशी पूर्वजांची पूजा करण्याचे महत्त्व आहे. या दिवशी काही लोक व्रत देखील करतात. या दिवशी चंद्र दिसत नाही. कालसर्प दोष निवारण पूजा करण्यासाठी हा दिवस श्रेष्ठ…

गुरूभक्त उपमन्यु की कथा

उपमन्यु को महर्षि आयोदधौम्य के आश्रम में गाय चराने का कार्य सौंपा गया था. भोर होते ही गायों के लेकर वे वन निकल जाया ककरता था और सांझ ढले ही आश्रम लौटता था. आश्रम लौटने के उपरांत महर्षि आयोदधौम्य को…

राजा दुष्यंत और शकुंतला की प्रेम कथा

शकुंतला स्वर्ग की अप्सरा मेनका और ऋषि विश्वामित्र की पुत्री थी. ऋषि विश्वामित्र की तपस्या भंग करने देवराज इंद्र ने अप्सरा मेनका को भेजा था. मेनका ने अपने रूप और यौवन से ऋषि विश्वामित्र की तपस्या भंग कर दी और…

गुरुभक्त आरुणि की कथा

आरुणि महर्षि आयोदधौम्य का शिष्य था और उनके आश्रम में रहकर शिक्षा प्राप्त किया करता था. पंचाल देश के रहने वाले आरुणि के लिए गुरू का आदेश पत्थर की लकीर हुआ करती थी. वे आज भी अपनी गुरूभक्ति और आज्ञाकरिता…

महाशिवरात्रि से जुड़ी पौराणिक कथाएं

भगवान शिव के प्रति अटूट आस्‍था का त्‍योहार महाशिवरात्रि कल यानी सोमवार 4 मार्च को है। इस पर्व को पूरे देश भर में सच्‍ची श्रद्धा और आस्‍था के साथ देश भर में मनाया जाएगा। इस त्‍योहार को लेकर कई प्रकार की…

रविवार व्रत कथा एवं व्रत विधि

रविवार व्रत सूर्य देव की कृपा प्राप्ति हेतु किया जाता है। सभी मनोकामनाएं पूर्ण करनेवाले और जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा हेतु सर्वश्रेष्ठ व्रत रविवार की कथा इस प्रकार से है रविवार व्रत कथा | Ravivar Vrat…

शिव प्रतिमा के सामने ही क्यों विराजित होते है नंदी ?

आइए पढ़ते है भगवान शिव के वाहन नंदी से सम्बंधित एक कहानी जिससे हमें पता चलेगा की नंदी क्यों और कैसे महादेव की सवारी बनें? और शिव प्रतिमा के सामने ही क्यों विराजित होते है नंदी ? पौराणिक कथा शिलाद मुनि…

माता वैष्णो देवी की अमर कथा

वैष्णो देवी उत्तरी भारत के सबसे पूजनीय और पवित्र स्थलों में से एक है। यह मंदिर पहाड़ पर स्थित होने के कारण अपनी भव्यता व सुंदरता के कारण भी प्रसिद्ध है। वैष्णो देवी भी ऐसे ही स्थानों में एक है…

जानिए कैसे हुई भगवान श्रीराम की मृत्यु?

जिस तरह दुनिया में आने वाला हर इंसान अपने जन्म से पहले ही अपनी मृत्यु की तारीख यम लोक में निश्चित करके आता है। उसी तरह इंसान रूप में जन्म लेने वाले भगवान के अवतारों का भी इस धरती पर एक निश्चित समय था,…

सांपो के सम्पूर्ण कुल विनाश के लिए जनमेजय ने किया था ‘सर्प मेध यज्ञ’

आज हम आपको महाभारत से जुडी एक कथा बताते है। यह कथा पांडव कुल के अंतिम सम्राट जनमेजय (अर्जुन के प्रपौत्र) से जुडी है। जनमेजय ने एक बार पृथ्वी से सांपो का अस्तित्व मिटाने के लिए सर्प मेध यज्ञ किया था…

सम्पूर्ण महाभारत कथा

महाभारत हिंदू संस्कृति की एक अमूल्य धरोहर है। शास्त्रों में इसे पांचवां वेद भी कहा गया है। इसके रचयिता महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास हैं। महर्षि वेदव्यास ने इस ग्रंथ के बारे में स्वयं कहा है- यन्नेहास्ति न कुत्रचित्। अर्थात जिस विषय…

मातृ और पितृभक्त श्रवण कुमार की कहानी/कथा |

श्रवण कुमार की कथा जनमानस के मष्तिस्क पटल पर आज भी अंकित है. मातृ और पिता के प्रति भक्ति की ऐसी कथा विरले ही सुनने को मिलती है. यह माता-पिता के प्रति अतुलनीय प्रेम और सम्मान का वर्णन करती है.…