
भगवान राम के छोटे भाई शत्रुघ्न ने यहाँ की थी मौन तपस्या
देवभूमि ऋषिकेश के गंगा नदी के किनारे राम झूला के पास स्थित है शत्रुघ्न मंदिर। यह मंदिर प्राचीन और प्रसिद्ध है। यह मंदिर भगवान राम के छोटे भाई शत्रुघ्न के नाम पर बनाया गया है। मंदिर शत्रुघ्न को समर्पित है। इस मंदिर में मुख्य रूप से बद्री नारायण की मूर्ती विराजमान है। इस कारण इस मंदिर को “बद्री नारायण मंदिर” के नाम से भी जानते है। आपको बता दे कि भारत में केवल 2 ही स्थानों पर शत्रुघ्न के मंदिर हैं। एक तो केरल के थ्रिसूर जिले में है और दूसरा उत्तराखंड के ऋषिकेश में।
शत्रुघ्न मंदिर का इतिहास
शत्रुघ्न मंदिर को 8 वीं सदी में अदि गुरु शंकराचार्य ने बनवाया था। ऋषिकेश में मुनि के रेती को मुनियों की तपोभूमि कहते है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शत्रुघ्न ने इसी स्थान पर मौन तपस्या की थी। जिस कारण इस स्थान को मौन की रेती के नाम से जानते थे। और अब इस जगह को मुनी की रेती के नाम से जाना जाता है। रावण के परिवार के लवणासुर का वध भगवान शत्रुघ्न द्वारा हुआ था। जिससे शत्रुघ्न को ब्रह्म दोष लग गया था। इस ब्रह्म दोष के निवारण के लिए वह ऋषिकेश आए थे और ऋषिकेश के इस स्थल पर उन्होंने मौन तपस्या की। तभी से यह मंदिर शत्रुघ्न मंदिर के नाम से जाना जाने लगा।
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मंदिर का महत्व
मंदिर में प्रत्येक पर्व को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। परन्तु जन्माष्टमी और रामनवमी दो मुख्य पर्व है जिसे इस मंदिर में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस विशेष अवसर पर लोग दूर दूर से मंदिर में दर्शनों के लिए आते है। शत्रुघ्न का मंदिर कम होने के कारण भी यह पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। इस मंदिर के दर्शन और यहाँ के शांत वातावरण का अनुभव करने के लिए भी भक्त इस मंदिर में आते है।
मंदिर की वास्तुकला
मुख्य मंदिर में शत्रुघ्न के रूप में बद्री नारायण जी विराजित है। उनके साथ भगवान राम – सीता और लक्ष्मण की परतिमएं भी स्थापित है। इस मंदिर में भगवान विष्णु जी भी विराजमान है। मंदिर के ठीक सामने ही गंगा घाट है। इस घाट को शत्रुघ्न घाट भी कहा जाता है। इस घाट की गंगा आरती अपने आप में बहुत अद्भुत है। यह घाट रामझूला और जानकी सेतु के मध्य स्थित है। गंगा आरती के समय ये ओर राम झूला रौशनी से जगमगाता है और इस घाट के दूसरी तरफ जानकी सेतु का दृश्य बहुत ही सुन्दर दिखाई देता है।
मंदिर का समय
शत्रुघ्न मंदिर खुलने का समय
06:00 AM – 07:30 AM
मंदिर का प्रसाद
शत्रुघ्न मंदिर में फल, फूल, सूखा मेवा, मिठाई आदि का भोग लगाया जाता है।
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