यह स्थान श्री कृष्ण की कुछ अलौकिक बाल लीलाओं का केन्द्र माना जाता है।
जयपुर मंदिर वृन्दावन भगवान श्रीकृष्ण की लीला से जुड़ा हुआ एक धार्मिक व ऐतिहासिक नगर है, जो भारत के उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले में स्थित है। यह स्थान श्री कृष्ण की कुछ अलौकिक बाल लीलाओं का केन्द्र माना जाता है। वैसे तो वृंदावन में एक से बढ़कर एक मंदिर हैं लेकिन वृंदावन-मथुरा रोड पर किशोर पुरा में स्थित जयपुर मंदिर की अपनी अलग पहचान है।
खास बात ये है कि उत्तर प्रदेश में बने होने के बाद भी जयपुर मंदिर का रख-रखाव राजस्थान सरकार करती है। भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है, लेकिन यहां बांके बिहारी के अलग-अलग रूप की प्रतिमाएं स्थापित हैं। यहां पर प्रभु के राधा माधव, आनंद बिहारी और हंस गोपाल रूप की मूर्तियां विद्यमान हैं।
मंदिर का इतिहास
जयपुर मंदिर का निर्माण, जयपुर के महाराजा सवाई माधो सिंह जी ने 1916 में करवाया था। माधो सिंह जी ने अपने गुरु ब्रह्मचारी श्री गिरिधारीशरण जी के प्रसन्नता हेतु जयपुर से वृंदावन आकर पहले 100 एकड़ जमीन खरीदी, फिर उसके बाद इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवाया। इस मंदिर को बनने में करीब 30 साल लगे थे। कई हजार मजदूरों और कुशल कारीगरों ने इस मंदिर का निर्माण किया।
मंदिर का महत्व
जयपुर मंदिर वृंदावन में श्री कृष्ण का सबसे बड़ा मंदिर है। जानकार बताते हैं कि पूरे बृज मण्डल जयपुर मंदिर से बड़ा दूसरा कोई मंदिर नहीं है। ऐसा भी कहा जाता है कि जयपुर मंदिर निर्माण के लिए इस्तेमाल हो रहे पत्थरों को मथुरा से वृंदावन तक लाने के लिए माधो सिंह जी ने मथुरा से वृंदावन तक नई रेलवे लाइन बिछवाई थी। जयपुर मंदिर में राधा माधव, आनंद बिहारी और हंस गोपाल जी और उनकी सखियों की मूर्तियां दूसरे तल पर स्थापित हैं, जिनके दर्शन मंदिर के बाहर खड़े भक्त भी आसानी से कर सकते हैं।
मंदिर की वास्तुकला
जयपुर मंदिर की वास्तुकला में प्राचीन राजस्थानी शैली का उत्कृष्ट कला देखने को मिलती है। जयपुर मंदिर लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर पत्थर से बना है, मंदिर के दीवारों पर नक्काशी की गई है। दो मंजिला बने इस मंदिर में 16 विशाल खंबे बने हैं। जयपुर मंदिर में तीन प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। मुख्य मंदिर के दोनों तरफ पत्थर से तुलसी चौरा बनाया गया है, जिनमे एक साथ 108 दीप जलाने के लिए खूबसूरत नक्काशी दार आले बनाए गए हैं। मंदिर का मुख्य दरवाजा अष्ट धातु से बनाया गया है, जो कि जितना भव्य है उतना ही खूबसूरत भी है।
मंदिर का समय
सुबह मंदिर खुलने का समय
05:00 AM – 12:00 PM
सुबह आरती का समय
07:00 AM – 08:00 AM
शाम को मंदिर खुलने का समय
05:00 PM – 10:00 PM
संध्या आरती का समय
07:00 PM – 08:00 PM