चिंतामन गणेश मंदिर:यहाँ गणेशजी 3 रूपों में विराजमान हैं
चिंतामन गणेश मंदिर भारत के मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम जवास्या में भगवान गणेश जी का यह प्राचीनतम मंदिर बना हुआ है। चिंतामन गणेश मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करते ही हमें गौरीसुत गणेश की तीन प्रतिमाएं दिखाई देती हैं। यहां पार्वतीनंदन तीन रूपों में विराजमान हैं। पहला चिंतामन, दूसरा इच्छामन और तीसरा सिद्धिविनायक। चिंतामन गणेश मंदिर में चैत्र माह के हर बुधवार को मेला लगता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चिंतामन गणेश माता सीता द्वारा स्थापित षट् विनायकों में से एक हैं।
मंदिर का इतिहास
चिंतामन गणेश मंदिर में चिंतामन गणेश जी की स्थापना भगवान श्री राम व माता सीता ने वनवास के दौरान की थी। इच्छामन और सिद्धिविनायक गणेश जी की स्थापना लक्ष्मण जी और सीता माता ने की थी। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त चैत्र माह के बुधवार के दिन चिंतामण गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना करते है। भगवान गणेश उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। साथ ही उसे सभी प्रकार की चिंताओं से मुक्त भी कर देते हैं। मंदिर में स्थित चिंतामन गणेश भक्तों को चिंता से मुक्ति, सिद्धिविनायक स्वरूप सिद्धि प्रदान करते हैं और इच्छामन गणेश इच्छा की पूर्ति करते हैं।

मंदिर का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहाँ के किसान चैत्र माह में रबी की फसल पकने के बाद सबसे पहले भगवान चिंतामन गणेश को अपनी फसल अर्पित करते हैं। उसके बाद ही बाजार मे बेचने जाते हैं। ऐसा करने से भगवान चिंतामन गणेश किसानों के कार्य में आने वाली हर बाधा को समाप्त कर देते हैं। इस मंदिर में श्रद्धालु यहां मन्नत का धागा भी बांधते हैं और उल्टा स्वस्तिक भी बनाते हैं।
मंदिर की वास्तुकला
चिंतामन गणेश मंदिर 9वीं शताब्दी से 13वीं के मध्य यानी परमारकालीन का माना जाता है। इस मंदिर के शिखर पर गुंबदों के साथ सिंह भी विराजमान है। इस मंदिर का निर्माण विक्रम संवत् 155 में महाराजा विक्रमादित्य द्वारा श्रीयंत्र के अनुरूप करवाया गया था। उसके बाद इसका जीर्णोद्धार पेशवाकाल में कराया गया। वहीं वर्तमान मंदिर का जीर्णोद्धार अहिल्याबाई होलकर के शासनकाल में हुआ। मंदिर में स्थापित श्रीगणेश जी की मूर्ति खड़ी हुई है।जो जमीन के अंदर आधी धंसी है, जिसकी वजह से आधी मूर्ति के दर्शन होते हैं।
मंदिर का समय
सुबह मंदिर खुलने का समय
06:00 AM – 09:30 PM
भोग आरती आरती का समय
12:00 PM – 12:30 PM
चौथी आरती का समय
07:00 PM – 08:00 PM
पहली आरती का समय
08:00 AM – 09:00 AM
तीसरी आरती का समय
04:00 PM – 04:30 PM
पांचवीं आरती का समय
09:00 PM – 09:30 PM
मंदिर का प्रसाद
चिंतामन गणेश मंदिर में भक्त शुद्ध घी और मेवे से बने लड्डू का भोग लगाते हैं। गणेशजी के इस मंदिर में भक्तों द्वारा मन्नत के लिए दूध, दही, चावल और नारियल में से किसी एक वस्तु को चढ़ाया जाता है। मकर संक्रांति पर महिलाएं इस दिन व्रत के बाद चिंतामन गणेश को तिल के बने व्यंजनों का भोग लगाती हैं।