
गीता भवन स्वर्गाश्रम जहाँ से दिखता है गंगा आरती का अद्भुत नज़ारा

देवभूमि उत्तराखंड के ऋषिकेश में पावन गंगा नदी के किनारे स्थित है ‘गीता भवन स्वर्गाश्रम’। यह एक बहुत बड़ा परिसर है। यहाँ पर भक्तों को रखने के लिए निःशुल्क व्यवस्था की जाती है। गीता भवन में 1000 से भी ज्यादा कक्ष उपलब्ध है। गंगा नदी में स्नान करने और गंगा आरती में शामिल होने के लिए दूर- दूर से भक्त आते हैं और में रुकते है। यहाँ पर भक्तों के ध्यान और प्रवचन सुनने के लिए भी सुविधाएं दी जाती है।
मंदिर का इतिहास
गीता भवन की स्थापना आज़ादी से पूर्व सन 1944 में गंगा नदी के किनारे की गई थी। यह आश्रम यहाँ गीता प्रेस गोरखपुर की शाखा के रूप में कार्यरत है। गीता प्रेस द्वारा यहाँ पर पुस्तकों की भी सुविधा है। गीताभवन को ऋषिकेश आने वाले भक्तों को निशुल्क रहने,खाने ,ध्यान – साधना करने और प्रवचन के लिए अच्छी सुविधाएं मिल सके। इस उदेश्य से इस भवन की स्थापना की गई थी।
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मंदिर का महत्व
गीताभवन में एक बार में 2000 से ज्यादा भक्तों को रहने की व्यवस्था है। यहाँ पर निशुल्क रहा जा सकता है। इस जगह पर वैसे तो साल भर ही भीड़ रहती है। परन्तु यहाँ गर्मियों के समय में ज्यादा सत्संग होते है जिस कारण भक्त ज्यादा संख्या में आते है। गीताभवन के ठीक सामने ही गंगा घाट है जिस कारण भक्त गंगा आरती का आनंद भी ले सकते है।
आप परिसर में ध्यान लगा सकते हैं और संतों के प्रवचन भी सुन सकते हैं। गंगा घाट पर स्नान के लिए यहाँ पर समय को लेकर किसी भी प्रकार का प्रतिबन्ध नहीं है। भक्त अपने समयानुसार स्नान के लिए जा सकते है। यहाँ पर चलने वाले प्रवचनों को सुनने के लिए लोग दूर-दूर से आते है। और अपने साथ एक अत्याधमिक ऊर्जा लेकर ही जाते हैं।
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मंदिर की वास्तुकला
गीता भवन ऋषिकेश के सबसे प्राचीन तीर्थ परिसरों में से एक है। इस भवन की दीवारों पर सुप्रसिद्ध महाकाव्य श्री गीताजी और रामायण की रचनाएं अंकित हैं। इसके अलावा परिसर में एक ध्यान कक्ष है। यहाँ पर भक्त प्रार्थना करने के लिए एकत्रित होते है। परिसर में मिठाइयां, शाकाहारी भोजन, खाने के सामान की भी दुखने है। जहाँ पर सस्ती कीमतों पर सामान मिलता है। इसके अलावा आयुर्वेदिक दवाएं भी यहाँ मिलती है। जो कि गंगा जल से बनाईं जाती है। परिसर में लक्ष्मी-नारायण मंदिर भी है।
गीता भवन मंदिर का समय
गीता भवन खुलने का समय
04:00 AM – 08:00 PM
मंदिर का प्रसाद
गीता भवन में लक्ष्मी नारायण का मंदिर है। इस मंदिर में फल, फूल ,मिठाई आदि का भोग लगाया जाता है।