भगवान शिव की किसी पर कृपा हो तो वह मनुष्य जीवन के सारे ही सांसारिक सुख भोगता है। इसलिए शिव जी की कृपा पाने के लिए मनुष्य को उनके कम से कम उनके सात मंदिरों का दर्शन जरूर करना चाहिए।…
हनुमान मंदिर, इलाहबाद (उत्तर प्रदेश) इलाहबाद किले से सटा यह मंदिर लेटे हुए भगवान हनुमान की प्रतिमा वाला प्राचीन मंदिर है। इसमें हनुमान जी लेटी हुई मुद्रा में हैं। मूर्ति 20 फीट लम्बी है। जब बारीश में बाढ़ आती है…
द्वारकाधीश मंदिर द्वारका, गुजरात यह गुजरात का सबसे फेमस कृष्ण मंदिर है इसे जगत मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर चार धाम यात्रा का भी मुख्य हिस्सा है। चारों धामों में से यह पश्चिमी धाम है। यह मंदिर गोमती…
नवरात्रि या दुर्गा पूजा के आठवें दिन को अष्टमी या दुर्गा अष्टमी के रूप में जाना जाता है. हिन्दू धर्म के अनुसार इस दिन को सबसे शुभ दिन माना जाता है. सबसे महत्वपूर्ण दुर्गा अष्टमी जिसे महाष्टमी भी कहा जाता…
पौराणिक कथाओं के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन माता पार्वती के पुत्र गणेश जी का जन्म हुआ था. इसलिए भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन हर साल गणेश चतुर्थी मनाई जाती है पूरे भारत वर्ष में…
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार सभी देवी-देवताओं के ऊपर भारी संकट आ गया. जब वह खुद से उस संकट का समाधान नहीं निकाल पाए तो भगवान शिव के पास मदद मांगने के लिए गए. भगवान शिव ने गणेश जी और कार्तिकेय…
महत्वपूर्ण जानकारी रोहिणी व्रत मई में रविवार, 21 मई 2023 रोहिणी व्रत प्रारंभ : 20 मई 2023 को प्रातः 07:35 बजे रोहिणी व्रत समाप्त: 21 मई 2023 को सुबह 08:31 बजे रोहिणी व्रत जैन समुदाय के लोगों का महत्वपूर्ण व्रत…
जैन समुदाय में रोहिणी व्रत का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। जैन समुदाय में रोहिणी व्रत 27 नक्षत्रों में शामिल रोहिणी नक्षत्र के दिन यह व्रत किया जाता होता है, इसी वजह से इसे रोहिणी व्रत कहा जाता है। रोहिणी व्रत…
गणेश जी की कथा एक बार गणेश जी महाराज एक सेठ जी के खेत में से जा रहे थे तो उन्होंने बारह दाने अनाज के तोड़ लिए। फिर गणेश जी के मन में पछतावा हुआ कि मैंने तो सेठ जी…
वट सावित्री व्रत विवाहित हिंदू महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है जिसे पारंपरिक पंचांग के अनुसार ‘ज्येष्ठ’ के महीने में पूर्णिमा या ‘अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। इसका उपवास अनुष्ठान ‘त्रयोदशी’ से शुरू होता है और पूर्णिमा या अमावस्या…
प्रदोष-व्रत चन्द्रमौलेश्वर भगवान शिव की प्रसन्नता व आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। भगवान शिव को आशुतोष भी कहा गया है, जिसका आशय है-शीघ्र प्रसन्न होकर आशीष देने वाले। प्रदोष-व्रत को श्रद्धा व भक्तिपूर्वक करने से भगवान…
ऋषि शांडिल्य ने विधवा ब्राह्मणी को धर्म बुद्ध गुप्त की माता की मृत्यु के बारे में भी बताया. जब विधवा ब्राह्मणी को यह सभी बातें पता चली तो वह बहुत दुखी हुई. सब ऋषि शांडिल्य ने ब्राह्मणी को प्रदोष व्रत के बारे…