मां लक्ष्मी सुख, समृद्धि और धन की देवी है। जब लक्ष्मी माता का व्रत किया जाता है तो लक्ष्मी माता की कहानी सुनकर व्रत पूर्ण किया जाता है। लक्ष्मी माता के व्रत को ‘वैभव लक्ष्मी व्रत’ भी कहा जाता है।…
महाराजा दशरथ ने पुत्र प्राप्ति हेतु यज्ञ आरंभ करने की ठानी। महाराज की आज्ञानुसार श्यामकर्ण घोड़ा चतुरंगिनी सेना के साथ छुड़वा दिया गया। महाराज दशरथ ने समस्त मनस्वी, तपस्वी, विद्वान ऋषि-मुनियों तथा वेदविज्ञ प्रकाण्ड पण्डितों को यज्ञ सम्पन्न कराने के…
महाबली हनुमान के नाम लेने से ही सभी कष्ट दूर हो जाते है। संकटमोचन हनुमान का सुमिरन करने से न सिर्फ भय, बल्कि सभी प्रकार के संकट भी छू-मंतर हो जाते है। बजरंगबली की महिमा से तो हम सभी भली-भांति…
भगवान् श्री कृष्ण के भक्त उनका नाम सुनते ही उनके जन्म से जुड़ी न जाने कितनी कथाएं बताने लगते हैं। कोई कृष्ण जी के जन्म के बारे में बताता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ और फिर…
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कैसे हुआ? यह बात हम सभी लोग बहुत अच्छी तरह से जानते हैं, लेकिन भगवान कृष्ण की मृत्यु कैसे हुई थी? उनके शरीर का दाह संस्कार (Cremation) किसने किया? इन सवालों के जवाब शायद आपको पता…
कालीघाट काली मंदिर कोलकाता समय दिन समय सोमवार सुबह 5:00 – दोपहर 2:00शाम 5:00 – रात 10:30 बजे मंगलवार सुबह 5:00 – दोपहर 2:00शाम 5:00 – रात 10:30 बजे बुधवार सुबह 5:00 – दोपहर 2:00शाम 5:00 – रात 10:30 बजे गुरुवार सुबह 5:00 – दोपहर 2:00शाम 5:00…
देवी कालिका यानी काली माता की पूजा करने से मनुष्य की आंतरिक शक्ति मजबूत होती है। साथ ही नकारात्मक शक्तियां, शत्रु प्रभाव और विपरीत परिस्थितियों का संकट भी दूर होता है। इसलिए देवी कालिका का दर्शन-पूजन किस्मत खोलने वाला माना…
श्री कृष्ण की नगरी द्वारिका महाभारत युद्ध के 36 वर्ष पश्चात समुद्र में डूब जाती है। द्वारिका के समुद्र में डूबने से पूर्व श्री कृष्ण सहित सारे यदुवंशी भी मारे जाते है। समस्त यदुवंशियों के मारे जाने और द्वारिका के…
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु के आवेशावतार परशुराम का जन्म हुआ था। परशुराम जयंती के अवसर पर…
महत्वपूर्ण जानकारी आषाढ़, कृष्ण अष्टमी, जून 2023 शनिवार, 10 जून 2023 अष्टमी तिथि प्रारंभ : 10 जून 2023 को दोपहर 2 बजकर 02 मिनट पर अष्टमी तिथि समाप्त : 11 जून 2023 को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट पर कालाष्टमी…
जब त्रयोदशी तिथि शनिवार के दिन आती है तो वो शनि त्रयोदशी या शनि प्रदोष कहलाती है। सभी त्रयोदशी तिथि में शनि त्रयोदशी त्रयोदशी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। शनि त्रयोदशी का व्रत संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। साथ…
जो प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ता है वो शुक्र प्रदोष या भुगुवारा प्रदोष व्रत कहलाता है। इस व्रत को करने से जीवन से नकारात्मकता समाप्त होती है और सफलता मिलती है। शुक्र प्रदोष व्रत कथा प्राचीनकाल की बात है,…