मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के आशीर्वाद से धन-संपत्ति और सुख-शांति का आशीर्वाद पाया जा सकता है। सनातन हिंदू परंपरा में गुरु…
अधिमास के कारण 59 दिनों का होगा सावन: महादेव को समर्पित सावन मास में इस बार अधिमास लग रहा है। 19 वर्षों बाद ऐसा संयोग हो रहा है, जब सावन माह में अधिमास लग रहा है। अधिमास के कारण 59…
सावन का महीना शिवजी की अराधना के लिए समर्पित होता है. इस बार अधिकमास पड़ने के कारण सावन एक नहीं बल्कि दो महीने का होगा. सावन 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त 2023 को समाप्त होगा. सावन का महीना…
प्राचीनकाल में जब मंदिर बनाए जाते थे तो वास्तु और खगोल विज्ञान का ध्यान रखा जाता था। इसके अलावा राजा-महाराजा अपना खजाना छुपाकर इसके ऊपर मंदिर बना देते थे और खजाने तक पहुंचने के लिए अलग से रास्ते बनाते थे।…
राजनीतिक दायरे में इधर जिस तरह राम को लेकर कहासुनी हुई, उसकी एक परंपरा ही बनती जा रही है..प्रारंभिक समय में पौराणिक कथाएं गाई या सुनाई जाती थीं। लिखने की परंपरा बहुत बाद में आई। वाचक अपनी इच्छा या प्रचलित मान्यताओं…
दुर्गा मां की यह कथा रामायण से जुड़ी हुई है। जब लंकापति रावण माता सीता का हरण कर लंका ले गया था। तब ब्रह्मा जी ने रावण का वध करने के लिए श्री राम को मां चंडी की पूजा करने…
हमारे पुराणों में चार युगों का वर्णन मिलता है सतयुग, त्रेतायुग. द्वापरयुग और कलयुग। कलयुग को एक श्राप कहा जाता है। पर क्या आपको पता है कि इस पृथ्वी पर कलयुग कैसे आया और कैसे हुई थी पृथ्वी पर कलयुग…
देवशयनी एकादशी 29 जून 2023 को है. ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास से जाने देवशयनी एकादशी और चातुर्मास का महत्व, मुहूर्त उपाय और इसके नियम आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी या हरिशयनी एकादशी कहते हैं. इस साल…
हिंदू धर्म में 33 करोड़ (कोटि) देवी-देवताएं हैं। सभी देवी-देवताओं से जुड़ी कथा-कहानियां पौराणिक ग्रंथों में मिलती है। देवराज इंद्र की बात करें तो उन्हें देवताओं का राजा कहा जाता है। लेकिन इंद्र देवताओं की एक पदवी होती है। हिंदू…
पौराणिक कथा के अनुसार जो स्वर्ग लोक के सिंहासन पर विराजमान होते और स्वर्ग का शासन करते हैं उन्हें इंद्रदेव के नाम से जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी स्वर्ग लोक के सिंहासन पर बैठता…
हिंदू धर्म के कुछ संप्रदाय पूरी सृष्टि और उसकी ब्रह्मांडीय गतिविधि को तीन देवताओं के प्रतीक के रूप में देखते हैं, जो हिंदू त्रिमूर्ति का गठन करते हैं: ब्रह्मा – निर्माता, विष्णु – पालनकर्ता, और शिव– संहारक। पौराणिक कथाओं के अनुसार संपूर्ण…
कुछ लोग मानते हैं कि ईश्वर या परमेश्वर ने ब्रह्मांड या सृष्टि को छ दिन में रचा और सातवें दिन उसने आराम किया। धरती पर उसने सबसे पहले मानव को रचा और उसकी ही छाती की पसली से एक स्त्री…