हिंदू धर्म का वृक्ष से गहरा नाता है। हिंदू धर्म को वृक्षों का धर्म कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि हिंदू धर्म में वृक्षों का जो महत्व है वह किसी अन्य धर्म में शायद ही मिले। इस ब्रह्मांड को…
नाखून रगड़ने की प्रकिया कोई नई नहीं है. कई सदियों से लोग ऐसा करते आ रहे हैं. एक्यूप्रेशर थैरेपी में भी नाखून रगड़ने को काफी अहमियत दी जाती है. आपने कुछ लोगों को बैठे-बैठे नाखून रगड़ते हुए देखा होगा तो…
नीराकार ब्रह्म अर्थात् जलरूप ब्रह्म या द्रवरूप में ब्रह्म कोई ‘नराकार ब्रह्म’ (राम, कृष्ण) को भजता है , तो कोई ‘निराकार ब्रह्म’ को; परन्तु कलियुग में मनुष्य के पाप-तापों की शान्ति ‘नीराकार ब्रह्म’ से ही होती है । हिन्दी में…
गंगा सप्तमी को ज्यादातर भारत के उत्तरी भागों में बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। हिंदू धर्म में, गंगा नदी को सबसे पवित्र नदी माना जाता है और इसे देवी के रूप में पूजा जाता है। इस…
तिष पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन गंगा सप्तमी मनाई जाती है। गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा की विशेष उपासना की जाती है और इस दिन को मां गंगा के धरती पर…
पीपल का पेड़ वैज्ञानिक दृष्टि से जितना महत्वपूर्ण है धार्मिक दृष्टि से भी उतना ही महत्तवपूर्ण है। हिन्दू धर्मशास्त्रों में पीपल के पेड़ पर पितरों का वास माना गया है अतः पितृ पूजा में पीपल के पेड़ का विशेष स्थान…
भारत में ऐसे कई पुराने मंदिर हैं, जिनका इतिहास अति प्राचीन है। इनकी सुंदरता और प्रसिद्धि आज भी बरकरार है। आइए जानें इन मंदिरों के बारे में भारत की संस्कृति और आध्यात्मिकता की चर्चा विश्व भर में फैली हुई हैं।…
हिन्दू धर्म कई रहस्यों से भरा हुआ है. जितना जानने की कोशिश करें उतना ही कम है. हिन्दू पुराणों में उल्लेख है कि सृष्टि की रचना परमपिता ब्रम्हा द्वारा की गई है. हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार संसार के जीव-जंतु,…
माँ सरस्वती की कथा हंस एवं मोर की सवारी करने वाली सरस्वती देवी हिन्दुओं की मुख्य देवी माना जाता हैं, इन्हें शारदा, शतरूपा, वीणावादिनी, वीणापाणि, वाग्देवी, वागेश्वरी, भारती आदि नामों से भी भक्त पुकारते हैं. विद्या की अधिष्ठात्री देवी की उपासना…
भारत वर्ष के दो ग्रंथों ‘सरस्वती पुराण’ और ‘मत्स्य पुराण’ में सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा का अपनी ही बेटी सरस्वती से विवाह करने का प्रसंग है पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी की पत्नी माँ सावित्री देवी हैं, पुराणों के ही…
महाकाली विनाश और प्रलय की पूजनीय देवी हैं। महाकाली सार्वभौमिक शक्ति, समय, जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म और मुक्ति की देवी हैं। वह काल (समय) का भक्षण करती है और फिर अपनी काली निराकारता को फिर से शुरू कर देती है।…
‘या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।’ कैलाश पर्वत के निवासी भगवान शिव की अर्धांगिनी मां सती पार्वती को ही शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री आदि नामों से जाना जाता है। इसके अलावा भी…