चंद्रमा कुंडली में चंद्रमा का “खराब” होना ज्योतिष शास्त्र में एक जटिल अवधारणा है। इसका अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए भिन्न हो सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि चंद्रमा किस राशि, भाव और नक्षत्र में स्थित…
जीवन में तरक्की लाने के साथ आर्थिक संकट दूर करने वाले मन्त्र यह सच है कि जीवन में आर्थिक संकट एक बड़ी बाधा बन सकते हैं। इन संकटों से निपटने और जीवन में तरक्की प्राप्त करने के लिए आध्यात्मिक शक्ति…
योगिनी एकादशी : ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति का व्रत योगिनी एकादशी आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। यह एकादशी सभी एकादशियों में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस व्रत को रखने से भगवान…
हेम माली की मुक्ति: योगिनी एकादशी की कथा, हेम माली नामक एक भक्त की कहानी है, जो भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था। हेम माली कुबेर देवता के लिए फूलों की माला बनाता था। एक बार, जब वह माला भगवान…
ज्योतिष शास्त्र में, लक्ष्मी माता को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। यह माना जाता है कि कुछ राशियां मां लक्ष्मी को अधिक प्रिय होती हैं और इन राशियों के लोगों को धन-धान्य में वृद्धि, आर्थिक लाभ और…
आषाढ़ मास में क्या करना चाहिए आषाढ़ मास, हिंदू पंचांग का चौथा महीना, भगवान विष्णु और देवराज इंद्र की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। वर्षा ऋतु के आगमन का प्रतीक यह महीना, धार्मिक अनुष्ठानों, त्योहारों और व्रतों के…
जीवन में परेशानियों से मुक्ति के लिए मंत्रों का जाप : विस्तृत जानकारी जीवन में परेशानियां तो आती ही रहती हैं। इन परेशानियों से निपटने और मन को शांत रखने में मंत्रों का जाप सहायक हो सकता है। कुछ मंत्र…
गीता के अनुसार जीवन: श्लोक सहित गीता में जीवन को अनेक आयामों से देखा गया है। यहाँ कुछ प्रमुख पहलू और उनसे जुड़े श्लोक प्रस्तुत हैं: 1. कर्मयोग: गीता कर्मयोग पर विशेष बल देती है। कर्म का अर्थ है कर्तव्यनिष्ठा…
विवाहित महिलाओं के बीच अत्यधिक प्रचलित ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या के दिन आने वाले सावित्री व्रत कथा निम्न प्रकार से है: भद्र देश के एक राजा थे, जिनका नाम अश्वपति था। भद्र देश के राजा अश्वपति के कोई संतान न थी। उन्होंने संतान…
हिन्दू धर्म में सोलह संस्कारों का महत्वपूर्ण स्थान है। ये संस्कार जीवन के विभिन्न चरणों में मनुष्य के चरित्र निर्माण, मूल्यों को विकसित करने और धार्मिक जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन करते हैं। सोलह संस्कार इस प्रकार हैं: गर्भाधान संस्कार:…
गंगा सप्तमी: पवित्र गंगा नदी का महत्व और उत्सव गंगा सप्तमी, जिसे “गंगोत्री सप्तमी” और “हस्तिनापुर सप्तमी” के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है।गंगा…
वट सावित्री व्रत, जिसे वट पूर्णिमा या सावित्री व्रत के नाम से भी जाना जाता है, जेष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए करती हैं। वट…