जय श्री हरि !पौष पुत्रदा एकादशी के उपरांत, माघ माह के कृष्ण पक्ष मे आने वाली इस एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है।1. तिल स्नान2. तिल का उबटन3. तिल का हवन4. तिल का तर्पण5. तिल का भोजन और6. तिलों का दान, तिल के…
शनि का रोहणी में जाना देवता और असुर दोनों ही के लिये कष्टकारी और भय प्रदान करनेवाला है तथा रोहिणी-शकट-भेदन से बारह वर्ष तक अत्यंत दुःखदायी अकाल पड़ता है। प्राचीन काल में दशरथ नामक प्रसिद्ध चक्रवती राजा हुए थे। राजा…
सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था, उस परिवार में पति-पत्नी एवं उसकी एक पुत्री भी थी। उनकी पुत्री समय के गुजरने के साथ-साथ धीरे-धीरे बड़ी होने लगी। उस पुत्री में बढ़ती उम्र के साथ सभी…
किसी नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर के सभी लोग उस व्यापारी का सम्मान करते थे। इतना सब कुछ संपन्न होने के बाद भी वह व्यापारी बहुत दुःखी था, क्योंकि उसका…
आप किस को खुश करना चाहते हो ईश्वर को यदि आप अपने माता पिता को ही नहीं खुश कर सकते हो तो ईश्वर भला आपसे क्यों खुश होंगे क्योंकि जितने भी हमारे वेद हैं पुराण हैं गीता है वह भी…
भक्ति में बहुत शक्ति होती है। भक्ति का तात्पर्य है-स्वयं के अंतस को ईश्वर के साथ जोड़ देना। जुडऩे की प्रवृत्ति ही भक्ति है। दुनियादारी के रिश्तों में जुट जाना भक्ति नहीं है। भक्ति का मतलब है पूर्ण समर्पण। सरल…
हिंदू पंचांग के अंतर्गत प्रत्येक माह की 11वीं तीथि को एकादशी कहा जाता है। एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित तिथि माना जाता है। एक महीने में दो पक्ष होने के कारण दो एकादशी होती हैं, एक शुक्ल पक्ष मे तथा दूसरी…
कहा जाता है जितनी चादर हो उतने ही पैर फैलाने चाहिए, पर क्या आपको लगता है आज के इस महंगाई के दौर में ऐसा संभव है. कहीं न कहीं ज्यादातर लोग कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं. उन्हें किसी…
पिछले साल से, लॉकडाउन ने लगभग हर व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर भारी असर डाला है, लेकिन एक चीज जिसने इस पूरे साल हम सभी को अत्यधिक तनाव में रखा है, वो है हमारा करियर. प्रत्येक प्रश्न का सही उत्तर…
अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुतेगिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरतेत्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरतेदनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २ ॥ अयि जगदम्ब…
सामूहिक कल्याण के लिये मंत्र –देव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्यानिश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूत्र्या ।तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यांभक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः ॥ विश्व के अशुभ तथा भय का विनाश करने के लिये मंत्र –यस्याः प्रभावमतुलं भगवाननन्तोब्रह्मा हरश्च न हि वक्तुमलं बलं च ।सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनायनाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु…
श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक का पाठ बहुत ही प्रमुख माने जाते हैं। संकट मोचन हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करने से भक्तों पर आये गंभीर संकट का भी निवारण हो जाता है। ॥ हनुमानाष्टक ॥बाल…