सूत जी आगे की कहानी सुनाते हुए कहते हैं कि सालों पहले उल्कामुख नामक एक राजा था। वह बुद्धिमान होने के साथ-साथ सत्यवादी और शांत स्वभाव का व्यक्ति था। वो रोजाना मंदिरों में जाकर गरीबों को धन दान करके उनके…
सत्यनारायण कथा के पांचवें और अंतिम अध्याय में सर्व ज्ञाता सूत जी ऋषि और मुनि गणों को एक और कहानी सुनाते हैं। यह कहानी तुंगध्वज नामक एक राजा की थी, जो प्रजापालन में व्यस्त रहता था। कुछ समय बाद राजा…
मान्यता है कि भगवान शिव ने माता पार्वती को उनके पूर्व जन्म के बारे में याद दिलाने के लिए यह कथा सुनाई थी, जो कुछ इस प्रकार है। भगवान शिव माता पार्वती से कहते हैं: हे पार्वती! तुमने मुझे वर…
मां भगवती को मानने वालों में से एक राजा स्पर्श भी थे। वो दिन-रात उनकी पूजा-अर्चना में लीन रहते थे। राजा को किसी चीज की कमी नहीं थी। बस उन्हें बच्चे की ख्वाहिश थी। सालों से बच्चा न होने के…
एक बार धरती की भलाई के लिए ब्रह्मा जी के मन में यज्ञ करने का विचार आया। इसके बाद उन्होंने यज्ञ की जगह की तलाश शुरू की। फिर उन्होंने अपनी बांह से निकले हुए एक कमल के फूल को धरती…
केशवदत्त नाम का एक ब्राह्मण था, जो अपनी पत्नी अंजली के साथ ऋषिनगर गांव में खुशी से रहता था। गांव के सभी लोग ब्राह्मण परिवार का बहुत सम्मान करते थे। उनके पास खूब धन-संपत्ति थी, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं…
राधा माता गोलोक में श्रीकृष्ण के साथ रहती थीं। एक दफा कृष्ण भगवान को गोलोक में राधा रानी कहीं नजर नहीं आईं। कुछ देर बाद कन्हैया अपनी सखी विराजा के साथ घूमने चले गए। यह बात जब राधा रानी को…
सर्व शास्त्र ज्ञाता सूत जी ऋषियों और मुनियों को आगे की कहानी सुनाते हुए कहते हैं, “राजा की आज्ञा के बाद वो साधु अपने दामाद के साथ घर की तरफ निकल पड़ा। कुछ दूर जाने के बाद रास्ते में उसे…
भगवान शिव अपनी पत्नी पार्वती के साथ एक बार घूमते हुए धरती के अमरावती शहर पहुंचे। वहां शिव जी का एक बड़ा-सा मंदिर राजा ने बनवाया था। शिव-पार्वती दोनों को वह मंदिर पसंद आया, इसलिए दोनों वहीं रहने लगे। कुछ…
एक समय की बात है, अमरपुर नामक नगर में एक धनवान व्यवसायी रहता था। उसका व्यापार बहुत दूर तक फैला हुआ था। यहां के सभी नगरवासी उसका बहुत आदर करते थे। उस व्यापारी के पास किसी भी चीज की कमी…
सालों पहले एक गांव में ऐसा गरीब धार्मिक ब्राह्मण रहता था, जिसकी कोई संतान नहीं थी। वह रोज नहा-धोकर मन से देवताओं की पूजा करते हुए संतान की मांग करता, लेकिन ब्राह्मण की पत्नी खूब आलसी थी। वह न स्नान…
एक समय की बात है, अयोध्या के महाराज दशरथ ने पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ रखा। इस यज्ञ के लिए राजा दशरथ ने अपनी चतुरंगिणी सेना को काले कान वाले घोड़े को छोड़ने का आदेश भेजा। उनकी इच्छा थी कि…