नवरात्रि के 5वें दिन होगी मां स्कंदमाता की पूजा, इन उपायों को अपनाकर समस्याओं से पाएं निवारण

शारदीय नवरात्र के पंचमी तिथि को मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा की जाएगी। दरअसल,अश्विनी शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि आज देर रात 2 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। दोपहर 3 बजकर 4 मिनट तक आयुष्मान योग रहेगा।…

कैसे करें घट स्थापना, जानें महत्व, सामग्री, शुभ मुहूर्त और भोग

Navratri Ghat Sthapana 2021: नवरात्रि में घट स्थापना या कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के प्रथम दिन ही कलश स्थापना या घट स्थापना की जाती है. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. साल भर में…

कर्म का फल “एक या दूसरे अवतार” में नही बल्कि “एक से दूसरे युग” मे भी मिल सकता है।

“श्री कृष्ण” ने कंस को उनके जन्म के 14 वर्ष बाद मारा और फिर वासुदेव जी – देवकी जी को कारागार से मुक्त करवा दिया। देवकी जी ने श्री कृष्ण से पूछा, “बेटा, तुम जन्म से जानते थे कि तुम…

श्री कनकधारा लक्ष्मीस्तोत्रम्

अपार धन प्राप्ति और धन संचय के लिए कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से चमत्कारिक रूप से लाभ प्राप्त होता है। कनकधारा स्तोत्र का पाठ सभी प्रकार के सुख सौभाग्य प्रदान करता है। कनकधारा स्तोत्रम् अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं…

पाशुपतास्त्र स्तोत्र

ॐ नमो भगवते महापाशुपतायातुलबलवीर्यपराक्रमाय त्रिपन्चनयनाय नानारुपाय नानाप्रहरणोद्यताय सर्वांगडरक्ताय भिन्नांजनचयप्रख्याय श्मशान वेतालप्रियाय सर्वविघ्ननिकृन्तन रताय सर्वसिद्धिप्रदाय भक्तानुकम्पिने असंख्यवक्त्रभुजपादाय तस्मिन् सिद्धाय वेतालवित्रासिने शाकिनीक्षोभ जनकाय व्याधिनिग्रहकारिणे पापभन्जनाय सूर्यसोमाग्नित्राय विष्णु कवचाय खडगवज्रहस्ताय यमदण्डवरुणपाशाय रूद्रशूलाय ज्वलज्जिह्राय सर्वरोगविद्रावणाय ग्रहनिग्रहकारिणे दुष्टनागक्षय कारिणे। ॐ कृष्णपिंग्डलाय फट। हूंकारास्त्राय फट। वज्र…

गजेन्द्र मोक्ष

श्रीमद्भागवतान्तर्गतगजेन्द्र कृत भगवान का स्तवन ******************************** श्री शुक उवाच – श्री शुकदेव जी ने कहाएवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि ।जजाप परमं जाप्यं प्राग्जन्मन्यनुशिक्षितम ॥१॥ बुद्धि के द्वारा पिछले अध्याय में वर्णित रीति से निश्चय करके तथा मन को हृदय…

माँ बगलामुखी स्तोत्र

!! ध्यान !!सौवर्णासनसंस्थितां त्रिनयनां पीतांषुकोल्लासिनीं, हेमाभांगरुचिं शषंकमुकुटां स्रक चम्पकस्त्रग्युताम्,हस्तैमुद्गर, पाषबद्धरसनां संविभृतीं भूषणैव्यप्तिांगी बगलामुखी त्रिजगतां संस्तम्भिनीं चिन्तये । ऊँ मध्ये सुधाब्धिमणिमण्डपरत्नवेदीं, सिंहासनोपरिगतां परिपीतवर्णाम्।पीताम्बराभरणमाल्यविभूषितांगी देवीं भजामि धृतमुदग्रवैरिजिव्हाम्।।1।। जिह्वाग्रमादाय करेण देवी, वामेन शत्रून परिपीडयन्तीम्।गदाभिघातेन च दक्षिणेन, पीताम्बराढयां द्विभुजां भजामि।। 2।। चलत्कनककुण्डलोल्लसित चारु गण्डस्थलां,…

श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम्

नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम् । देवीं सरस्वतीं व्यासं ततो जयमुदीरयेत् ॥ ॐ अथ सकलसौभाग्यदायक श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम् । शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् । प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥ १॥ यस्य द्विरदवक्त्राद्याः पारिषद्याः परः शतम् । विघ्नं निघ्नन्ति सततं विष्वक्सेनं तमाश्रये ॥ २॥…

मङ्गलाचरणम्

श्री गणेशाय नमः ॥ श्रीगुरुभ्यो नमः ॥ स जयति सिन्धुरवदनो देवो यत्पादपङ्कजस्मरणम् । वासरमणिरिव तमसां राशिं नाशयति विऽघ्नानाम् ॥ १॥ सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः । लंबोदरश्च विकटो विघ्ननाशो गणाधिपः ॥ २॥ धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजानानः । द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि ॥ ३॥…

नारायणस्तोत्रम्

श्री गणेशाय नमः । नारायण नारायण जय गोविन्द हरे ॥ नारायण नारायण जय गोपाल हरे ॥ ध्रु ॥ करुणापारावार वरुणालयगम्भीर ॥ नारायण ॥ १॥ घननीरदसङ्काश कृतकलिकल्मषनाश ॥ नारायण ॥ २॥ यमुनातीरविहार धृतकौस्तुभमणिहार ॥ नारायण ॥ ३॥ पीताम्बरपरिधान सुरकल्याणनिधान ॥ नारायण…

नवग्रहमन्त्रः

श्रीगणेशाय नमः । अथ सूर्यस्य मन्त्रः - विश्वनाथसारोद्धारे ॐ ह्सौः श्रीं आं ग्रहाधिराजाय आदित्याय स्वाहा ॥ अथ चन्द्रस्य मन्त्रः - कालीपटले ॐ श्रीं क्रीं ह्रां चं चन्द्राय नमः ॥ अथ भौमस्य मन्त्रः - शारदाटीकायाम् ऐं ह्सौः श्रीं द्रां कं ग्रहाधिपतये…

नवग्रह ध्यान मन्त्राः साधुसङ्कुलि तन्त्रान्तर्गतम्

ग्रहपुरश्चरण प्रयोगः ॐ रक्तपद्मासनं देवं चतुर्बाहुसमन्वितम् । क्षत्रियं रक्तवर्णञ्च गोत्रं काश्यपसम्भवम् ॥ सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं सर्वसिद्धिदम् । द्विभुजं रक्तपद्मैश्च संयुक्तं परमाद्भुतम् ॥ कलिङ्गदेशजं देवं मौलिमाणिक्यभूषणम् । त्रिनेत्रं तेजसा पूर्णमुदयाचलसंस्थितम् ॥ द्वादशाङ्गुल-विस्तीर्णं प्रवरं घृतकौशिकम् । शिवाधिदैवं पुर्वास्यं ब्रह्मप्रत्यधिदैवतम् ॥ क्लीं ऐं श्रीं…