महाभारत का युद्ध खत्म हो गया था। युधिष्ठिर ने हस्तिनापुर की राजगादी संभाल ली थी। सब कुछ सामान्य हो रहा था। एक दिन वो घड़ी भी आई जो कोई पांडव नहीं चाहता था। भगवान श्रीकृष्ण द्वारिका लौट रहे थे। सारे…
एक समय की बात है नैषिरण्य तीर्थ में शौनिकादि, अठ्ठासी हजार ऋषियों ने श्री सूतजी से पूछा हे प्रभु! इस कलियुग में वेद विद्या रहित मनुष्यों को प्रभु भक्ति किस प्रकार मिल सकती है? तथा उनका उद्धार कैसे होगा? हे…
एक साहूकार और एक साहूकारनी थे। वह धर्म पुण्य को नहीं मानते थे। इसके कारण उनके कोई बच्चा नहीं था। एक दिन साहूकारनी पडोसी के घर गयी। उस दिन सकट चौथ था, वहाँ पड़ोसन सकट चौथ की पूजा करके कहानी…
एक बार महादेवजी पार्वती सहित नर्मदा के तट पर गए। वहाँ एक सुंदर स्थान पर पार्वतीजी ने महादेवजी के साथ चौपड़ खेलने की इच्छा व्यक्त की।तब शिवजी ने कहा: हमारी हार-जीत का साक्षी कौन होगा? पार्वती ने तत्काल वहाँ की घास…
प्रथम कथाकहते हैं कि सतयुग में राजा हरिश्चंद्र के राज्य में एक कुम्हार था। एक बार तमाम कोशिशों के बावजूद जब उसके बर्तन कच्चे रह जा रहे थे तो उसने यह बात एक पुजारी को बताई।उस पर पुजारी ने बताया…
॥ अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा ॥भारतवर्ष में एक प्रतापी और दानी राजा राज्य करता था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों की सहायता करता था। यह बात उसकी रानी को अच्छी नहीं लगती थी, वह न ही गरीबों को दान…
शुक्रवार के दिन माँ संतोषी का व्रत-पूजन किया जाता है। इस पूजा के दौरान माता की आरती, पूजन तथा अंत में माता की कथा सुनी जाती है। आइए जानें! शुक्रवार के दिन की जाने वाली संतोषी माता व्रत कथा..संतोषी माता…
जय श्री हरि !पौष पुत्रदा एकादशी के उपरांत, माघ माह के कृष्ण पक्ष मे आने वाली इस एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है।1. तिल स्नान2. तिल का उबटन3. तिल का हवन4. तिल का तर्पण5. तिल का भोजन और6. तिलों का दान, तिल के…
प्राचीन काल में दशरथ नामक प्रसिद्ध चक्रवती राजा हुए थे। राजा के कार्य से राज्य की प्रजा सुखी जीवन यापन कर रही थी सर्वत्र सुख और शांति का माहौल था।उनके राज्यकाल में एक दिन ज्योतिषियों ने शनि को कृत्तिका नक्षत्र…
शुक्रवार के दिन माँ संतोषी का व्रत-पूजन किया जाता है। इस पूजा के दौरान माता की आरती, पूजन तथा अंत में माता की कथा सुनी जाती है। आइए जानें! शुक्रवार के दिन की जाने वाली संतोषी माता व्रत कथा..संतोषी माता…
जय श्री हरि !पौष पुत्रदा एकादशी के उपरांत, माघ माह के कृष्ण पक्ष मे आने वाली इस एकादशी को षटतिला एकादशी कहा जाता है।1. तिल स्नान2. तिल का उबटन3. तिल का हवन4. तिल का तर्पण5. तिल का भोजन और6. तिलों का दान, तिल के…
शनि का रोहणी में जाना देवता और असुर दोनों ही के लिये कष्टकारी और भय प्रदान करनेवाला है तथा रोहिणी-शकट-भेदन से बारह वर्ष तक अत्यंत दुःखदायी अकाल पड़ता है। प्राचीन काल में दशरथ नामक प्रसिद्ध चक्रवती राजा हुए थे। राजा…