बुद्धवार व्रत विधि ग्रह शांति तथा सर्व-सुखों की इच्छा रखने वालों को बुद्धवार का व्रत करना चाहिये. इस व्रत में दिन-रात में एक ही बार भोजन करना चाहिए. इस व्रत के समय हरी वस्तुओं का उपयोग करना श्रेष्ठतम है. इस…
Hanuman Ji Vrat Katha: हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमान को समर्पित है. इस दिन हनुमान जी की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि बजरंगबली की पूजा करने से व्यक्ति को बल, बुद्धि और…
किसी नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर के सभी लोग उस व्यापारी का सम्मान करते थे। इतना सब कुछ संपन्न होने के बाद भी वह व्यापारी बहुत दुःखी था, क्योंकि उसका…
संकष्टी चतुर्थी के व्रत में गणेश जी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। फाल्गुन का महीना हिंदू वर्ष का आखिरी महीना होता है। इस महीने के…
Sankashti Chaturthi 2022 Katha: फाल्गुन माह की संकष्टी चतुर्थी 20 फरवरी दिन रविवार को है, यह द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी (Dwijapriya Sankashti Chaturthi) है. यह फरवरी की आखिरी चतुर्थी व्रत है. इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी (Lord Ganesha) की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करते हैं, उनकी आरती (Aarti) उतारते…
वट सावित्री व्रत को सौभाग्य देने वाला और संतान की प्राप्ति में सहायक व्रत माना गया है। इस व्रत की तिथि को लेकर भिन्न मत हैं। स्कंद पुराण तथा भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा…
अधिकमास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पद्मिनी एकादशी या कमला एकादशी कहते हैं। वैसे तो प्रत्येक वर्ष 24 एकादशियां होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है, तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। अधिकमास में 2 एकादशियां…
धिकमास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को परमा एकादशी कहते हैं। वैसे तो प्रत्येक वर्ष 24 एकादशियां होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है, तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। अधिकमास में 2 एकादशियां होती हैं, जो…
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम योगिनी एकादशी है। इसके व्रत से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। यह व्रत इहलोक में भोग तथा परलोक में मुक्ति देने वाला हैं। योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और…
श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम कामिका एकादशी है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से हर बिगड़े काम बनते हैं। व्रत करने से उपासकों के साथ-साथ उनके पित्रों के कष्ट भी…
पौराणिक काल में अयोध्या नगरी में एक चक्रवर्ती राजा राज्य करता था। उसका नाम हरिश्चन्द्र था। वह अत्यन्त वीर, प्रतापी तथा सत्यवादी था। प्रभु इच्छा से उसने अपना राज्य स्वप्न में एक ऋषि को दान कर दिया और परिस्थितिवश उसे…
भाद्रपद महीने की अमावस्या, पिठोरी अमावस्या के रूप में मनाई जाती है। इस दिन महिलायें अपनी संतान की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती है। ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा की कृपा से संतान को न सिर्फ लंबी आयु…