प्राचीन काल में भृगु नाम के एक महान ऋषि हुए हैं। उनकी पत्नी का नाम था-पुलोमा ! एक बार जब ऋषि पत्नी पुलोमा गर्भवती थीं, तभी प्रमोला नाम का एक राक्षस शूकर (सूअर) का रूप धारण कर उन्हें जबरन उनके…
एक बार की बात है, देवराज इन्द्र अपनी सभा में बैठे थे। उन्हें अभिमान आया कि हम तीनों लोकों के स्वामी हैं। ब्राह्मण हमें यज्ञ में आहति देते है हमारी उपासना करते हैं। फिर हम सामान्यं ब्राह्मण बृहस्पति जी से…
प्राचीन समय की बात है। पांचाल देश का राजकुमार सिंहकेतु एक दिन अपने सेवकों को साथ लेकर वन में शिकार खेलने गया। उसके सेवको में से शबर नामक एक सेवक को शिकार की खोज में इधर-उधर घूमते हुए एक टूटा-फूटा…
राजर्षि अश्वपति कैकय देश के अधिपति थे। वे बड़े ज्ञानी और वैश्य विद्या के उपासक थे। उनके राज्य में बड़ी शान्ति थी। प्रजा अपने सम्राट का सम्मान करती थी। उन्हीं दिनों पांच विद्वान ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने का प्रयास कर रहे…
शकुंतला और दुष्यंत की प्रेम कथा -महाराज दुष्यंत एक दिन आखेट करने के लिए वन में गए। वहां एक मृग का पीछा करते हुए महर्षि कण्व के आश्रम के निकट जा पहुंचे। दुष्यंत थके हुए थे। उन्हें प्यास भी लगी हुई…
हमारे धर्म ग्रंथो में मृत्यु के देव यमराज से जुड़े दो ऐसे प्रसंग आते है जब यमराज को इंसान के हठ के आगे मजबूर होना पड़ा था। पहला प्रसंग सावित्री से सम्बंधित है, जहाँ यमराज को सावित्री के हठ पर मजबूर होकर उसके पति…
गुजरात में भावनगर के सारंगपुर में हनुमान जी का एक अति प्राचीन मंदिर स्तिथ है जो की कष्टभंजन हनुमानजी के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की विशेषता यह है की इस मंदिर में हनुमान जी के पैरों में स्त्री…
श्री कृष्ण की नगरी द्वारिका महाभारत युद्ध के 36 वर्ष पश्चात समुद्र में डूब जाती है। द्वारिका के समुद्र में डूबने से पूर्व श्री कृष्ण सहित सारे यदुवंशी भी मारे जाते है। समस्त यदुवंशियों के मारे जाने और द्वारिका के…
हिन्दुओं में तीन प्रधान देव माने जाते है- ब्रह्मा, विष्णु और महेश। ब्रह्मा इस संसार के रचनाकार है, विष्णु पालनहार है और महेश संहारक है। लेकिन हमारे देश में जहाँ विष्णु और महेश के अनगिनत मंदिर है वही खुद की पत्नी सावित्री…
महाभारत एक ऐसा ग्रन्थ है जिसमे अनेकों पौराणिक, धार्मिक कथा-कहानियों का संग्रह है। ऐसी ही एक कहानी है सावित्री और सत्यवान की, जिसका सर्वप्रथम वर्णन महाभारत के वनपर्व में मिलता है। जब वन में गए युधिष्ठर, मार्कण्डेय मुनि से पूछते है की क्या कोई…
प्राचीन मान्यता है की शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए हर शनिवार को शनि देव को तेल चढ़ाना चाहिए। जो व्यक्ति ऐसा करते है उन्हें साढ़ेसाती और ढय्या में भी शनि की कृपा प्राप्त होती है। लेकिन शनि देव को तेल…
रामयण के उत्तरार्ध में एक वक़्त ऐसा भी आता है जब विष्णु अवतार राम और स्वयं महादेव के बीच न चाहते हुए भी भयंकर युद्ध होता है। आखिर क्यों होता है यह युद्ध? और क्या निकलता है इसका परिणाम? जानने के…