पेड़ पर उल्टे लटके बेताल को एक बार फिर अपन कंधे पर उठाकर राजा विक्रमादित्य ने श्मशान की ओर चलना शुरू किया, तो बेताल ने एक नई कहानी शुरू कर दी। बेताल बोला…. एक बार की बात है, बनारस में…
कई असफलताओं के बाद राजा विक्रमादित्य ने एक बार फिर बेताल को योगी के पास ले जाने की कोशिश में अपनी पीठ कर लादा और चल पड़े। रास्ता काटने के लिए बेताल ने फिर से राजा को एक नई कहानी…
बेताल का उड़कर पेड़ पर लौटने और राजा विक्रम का उसे दोबारा पकड़ने का सिलसिला जारी रहता है। इस बार राजा विक्रमादित्य बेताल को फिर से पेड़ से उतारकर ले जाते हैं। रास्ते में बेताल राजा से कहता है, “मार्ग…
एक बार फिर राजा विक्रमादित्य बेताल को पेड़ से उतारकर योगी के पास जाने के लिए आगे बढ़ता है। हर बार की तरह इस बार फिर बेताल राजन को एक कहानी सुनाता है। बेताल बताता है कि… वीरबाहु नाम का…
राजा विक्रमादित्य बेताल को ले जाने में कई बार विफल रहे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इस बार भी उन्होंने बेताल को अपने कंधे पर लादा और आगे बढ़ने लगे। हर बार की तरह इस बार भी बेताल ने राजा…
राजा विक्रमादित्य अपने कंधे पर बेताल को लादने की कई कोशिश कर चुके थे, लेकिन हर बार बेताल कोई कहानी सुनाता और राज विक्रमादित्य से हाथों से बच निकलता। इस बार भी बेतान ने एक नई कहानी सुनाई। बेताल कहता…
बहुत समय पहले की बात है जब समुद्र किनारे बसे एक नगर ताम्रलिपि पर राजा चंद्रसेन का राज हुआ करता था। राजा से मिलने के लिए हजारों लोग उत्सुक रहते थे। उन्हीं में से एक था नवयुवक सत्वशील। सत्वशील को…
कई प्रयासों के बाद राजा विक्रमादित्य ने एक बार फिर बेताल को पकड़ लिया। वह उसे जब योगी के पास ले जाने लगे, तो बेताल ने नई कहानी शुरू कर दी। बेताल ने नई कहानी सुनाते हुए कहा…. एक समय…
कई बार बेताल को अपने साथ ले जाने की असफल कोशिश के बावजूद राजा विक्रमादित्य ने हार नहीं मानी थी। इसलिए, राजा विक्रमादित्य फिर से पेड़ के पास पहुंचे और बेताल को अपनी पीठ पर लटका कर ले जाने लगे।…
बेताल के उड़ने के बाद दोबारा विक्रमादित्य शिंशपा वृक्ष की ओर दौड़े और पेड़ पर उल्टे लटके बेताल को कंधे पर लादकर चल पड़े। इसी बीच एक बार फिर बेताल ने राजा को एक नई कहानी सुनाते हुए कहा –…
हर बार की तरह राजा विक्रम फिर बेताल को पेड़ से नीचे उतारता है और पीठ पर लादकर उसे योगी के पास ले जाने के लिए चल देता है। ऐसे में एक बार फिर बेताल राजा विक्रम को बोलने पर…
सालों पहले यमुना किनारे धर्मस्थल नाम का एक नगर हुआ करता था। वहां एक ब्राह्मण रहता था, जिसका नाम गणपति था। उसकी एक सुंदर और गुणवान बेटी थी। जैसे ही उसकी शादी की उम्र हुई, तो वो और उसका पूरा…